Sunday, July 10, 2011

मेरा बैतूल महान, आप क्यों हो रहे परेशान

बैतूल , अब इसे क्या कहे कि बैतूल जिला मध्यप्रदेश में बलात्कार के मामले में टाप पर है क्योकि हम किसी के भी खिलाफ किसी की रिर्पोट पर बलात्कार कायम कर देते है इसलिए बलात्कार के आकड़े तो बढऩा स्वभाविक है। यह बात पुलिस विभाग का एक जिम्मेदार अधिकारी कहता है जब उससे जनप्रतिनिधि मिलते है और अपने शांत प्रिय बैतूल में दिन प्रतिदिन घटने वाली अपराधिक घटनाओं को लेकर आकड़ो की जुलबंदी पेश करते है। पुलिस बिलकुल भी नहीं मानती कि बैतूल में अपराध या अपराधी बढ़ रहे है। बैतूल से बिहार की तुलना करने के बाद अधिकारी जनप्रतिनिधियों को समझाते है कि कपड़े की तरह पुलिस वालो को बदलने से पुलिस का मनोबल गिरता है और अपराधियों का बढ़ता है। बैतूल से लगातार भोपाल हो रहे फोन पर उक्त समझाईश देते पुलिस के अधिकारी जनप्रतिनिधियों को भी सलाह देते है कि पुलिस का काम ही नही है अपराधो पर नियंत्रण करना आप लोगो को भी तो मददगार बनना चाहिए। बैतूल का दुखड़ा बयां कर रहे जनप्रतिनिधि को तो पीएचक्यू से यह तक कह दिया गया कि वे पुलिस की अदला - बदली का ख्याल छोड़ कर पुलिस को अपना काम करने दे। बैतूल जिले में लगातार बढ़ रही अपराधो की श्रंखला पर पुलिस का कहना है कि पुलिस का काम मुश्तैदी से चल रहा है। पुलिस जांच कर रही है। नतीजे सामने आ जाएगें। इधर बैतूल जिले में दिन दहाड़े गोली चालान, सरेराह महिलाओं से दुराचार और डकैती सहित चोरी आदि की घटनाओं से लोगो का पुलिस पर से भले ही विश्वास उठ गया हो पर पुलिस को यकीन है कि वह अपी कसोटी पर खरी उतरेगी। किसी समय भले ही बैतूल जिले को शांति का टापू कहा जाता था लेकिन अब वह अपराधियों के लिए शरण स्थली के साथ ही एक सुरक्षित स्थान बना हुआ है। बैतूल जिले के आम और खास दोनो आदमी अब दहशत के साये में सांस ले रहे है क्योकि अब अपराधी भी समान न्याय के सिद्धांत का पालन कर रहे है। अब उन लोगो को भी निशाना बनाने में अपराधी नहीं चुक रहे है जो कि जिले के जनप्रतिनिधियों की नाक के बाल कहे जाते रहे है। पुलिस के अफसर भले ही आंकड़ों की बाजीगरी और धाराओं के हेरफेर में अपराधों की गंभीरता को छुपाने का प्रयास करे लेकिन स्वंय दर्ज अपराध विवरण बयां करते है कि जिले में अपराधों का ग्राफ किस तेजी से आसमान की ओर बढ़ता जा रहा है। बैतूल जिला मुख्यालय पर कानून व्यवस्था को लेकर जनआक्रोश फूट पड़ा और जिम्मेदारों को जगाने के लिए बैतूल बंद का एलान कर दिया है। आज बैतूल बंद रहेगा क्योकि बंद रहने से ही हो सकता है कि आदमी अपने घर में सुरक्षित रह सके। बढ़ते अपराधो के आंकड़ों की बाजीगरी यह खेल हर पुलिस अधीक्षक अपने तरीके से खेलने में माहीर है और इस खेल में रिकॉर्ड इस तरह से सुधारा जाता है कि हर वर्तमान एसपी अपने कार्यकाल के आंकड़ों को अपने से पहले वाले एसपी के आंकड़ों से कम दिखाता है। यह सिलसिला उस समय से है जब बैतूल में एसपी अखलेश कुमार सिंह थे। इन आंकड़ों के दम पर यह बताने की कोशिश की जाती है कि अपराध नीचे आ रहे हैं। यह बात और है कि यह आंकड़े राजधानी में बैठे पुलिस विभाग के जिम्मेदारों अफसरो को संतुष्ठ कर देती हैं। धोखे से या बदकिस्मती से एक भी अपराधी पुलिस को मिला तो सब कुछ सामान्य हो जाता है और पुलिस मीडिया के समक्ष अपनी बहादुरी का ऐसे ब्खान करती है जैसे उसने कारगिल पर फतह कर ली है। पुलिस की कार्यप्रणाली का दूसरा खेल यह है कि जब कोई संगीन अपराध होता है और लंबे समय तक पुलिस जब उसका खुलासा नहीं कर पाती है तो ऐसे में यदि पुलिस को किसी मामले में फरार अपराधी पकड़ में आ जाता है तो सारे पेंडिंग संगीन अपराधों में उसे हत्थे चढ़े अपराधी को बलि का बकरा बनाकर पूरी पेंडेंसी पुलिस निपटाने में लग जाती है। पुलिस की मार से बचने के लिए अपराधी भी तुरंत तो कबूलनामा कर लेता है लेकिन मामला अदालत में जाता है तो वह अपना पल्ला झाड़ लेता है और पुलिस भी अपना पक्ष मजबुती से नहीं रख पाती है जिसके चलते आरोपी साफ छूट जाते हैं। यह अलग बात है कि इससे पुलिस की बरसो से रूकी कार्य प्रणाली दुरस्त हो जाती है। बैतूल में बए़ते अपराधो के बाद डीआईजी नर्मदापुरम संभाग अनिल गुप्ता बैतूल पहुंचे। इन सब के बाद भी अपराधों के नियंत्रण में प्रशासन की नाकामी को लेकर हर तरफ से जनआक्रोश फूट पड़ा है। जहां व्यापारियों ने अपराधिक घटनाओं को लेकर अपना खुला आक्रोश जाहिर किया और ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस के विभिन्न प्रकोष्ठ जिसमें युवक कांग्रेस और महिला कांग्रेस ने भी बढ़ते अपराधों पर जमकर व्यवस्थाओं का कोसा। विरोध स्वरूप बैतूल बंद का एलान किया गया। व्यापारियों ने प्रशासन को दिए ज्ञापन में लिखा है कि पुस्तक विक्रेता राजू खंडेलवाल के निवास पर हुई घटना की व्यापारी तबका निंदा करता है। व्यापारियों के साथ पूर्व में गोली चालान और मोबाइल पर धमकाकर वसूली जैसी वारदातें हो चुकी है। गुंदागर्दी के माहौल से व्यापारी दहशत में हैं। इधर युवक कांग्रेस ने पांच सूत्री मांगें प्रशासन के सामने रखी है। इसमें अपराधों पर नियंत्रण और टीआई को हटाने की मांग प्रमुख है। महिला कांग्रेस ने बताया कि महिलाओं के उत्पीडऩ के मामले में हालत खराब है। पुलिस का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। पुलिस विभाग के अफसर आंकड़ों के दम पर ऐसी बाजीगरी दिखाते हैं कि राजधानी में इन अफसरों को कमांड करने वाले मंत्री और आला अफसरों को लगता है कि सब कुछ ठीक है, पर यह हकीकत नहीं है। इन आंकड़ों की भी अपनी एक कहानी है। चूंकि हमारी शासन और प्रशासन की व्यवस्थाओं में परिस्थितियां नहीं बोलती बल्कि कागज ही बोलता है। इसलिए इसका सूत्र केवल इतना है कि मामलों को आवेदन से आगे एफआईआर तक ही मत बढऩे दो। बड़े अपराधों की संगीनता को कम करने के लिए नियमों की आड़ लो और धाराओं को जाल बुनो, जिससे कि कागज पर डकैती भी चोरी नजर आने लगे। खंडेलवाल के घर में दो परिजनों को जख्मी कर लाखों रूपए लूट कर ले जाने का यह पहला मामला नहीं है जिसमें पुलिस ने आंकड़ों का खेल दिखाकर अपराध की संगीनता को कम किया है। जिला मुख्यालय के लिंक रोड पर पुस्तक व्यवसायी के घर सोमवार तड़के हुए डकैती की घटना के बाद नर्मदापुरम संभाग डीआईजी अनिल गुप्ता ने बैतूल पहुंचकर व्यवसायी के घर का निरीक्षण किया। डीआईजी ने परिजनों से भी घटना को लेकर पूछताछ की। इस मौके पर एडिशनल एसपी एमएल सोलंकी, एसडीओपी आरएन ब्रारू, टीआई आरके दुबे उपस्थित थे। डीआईजी ने खंडेलवाल के परिजनों से चर्चा के बाद पुलिस कंट्रोल रूम में जिले की कानून व्यवस्था को लेकर अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में दोबारा न हो। पुलिस नियमित गश्त कर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता बनाएं और असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कसें। एक तरफ तो पुलिस अपराधो पर नियत्रण की बात करती है वहीं दुसरी ओर शहर की एक महिला ने अपना एमएमएस बनाकर उसे ब्लैकमेल करने की शिकायत दर्ज करवाई है। महिला की रिपोर्ट पर युवकों के खिलाफ मामला दर्ज होने की बात सामने आई है। पुलिस ने बताया कि शहर की एक महिला को चार युवक घुमाने के बहाने सोनाघाटी ले गए। यहां पर महिला का अश्लील एमएमएस बनाया। एमएमएस के जरिए युवकों द्वारा उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था। महिला ने अपने परिजनों को सारी घटना बताई और इसकी रिपोर्ट कोतवाली में की है। पुलिस ने महिला की रिपोर्ट पर मामला दर्ज होने की बात सामने आई है। अपराधो की इसी कड़ी में एक ताजा मामला यह भी है कि जिले में चल रही चिटफंड कंपनियों में ताले लगने के बाद अब लोग कंपनी के एजेंटों पर शिकंजा कसने लगे हैं। यही कारण है कि बीते मंगलवार को जीवन सुरभि डेयरी लिमिटेड कंपनी के एक एजेंट ने जनसुनवाई में पहुंचकर कुछ लोगों से जान को खतरा होना बताया। एजेंट ने कलैक्टर को सौंपे आवेदन में यह भी बताया कि उसकी कार भी छीन ली गई है। जनसुनवाई में पहुंचे शैलेंद्र पंवार ने बताया कि वह जीवन सुरभि कंपनी का एजेंट है और कंपनी के लिए पैसे कलेक्शन करना का काम करता था। बगैर आरबीआई की अनुमति से चलने के कारण कंपनी के आफिस पर फिलहाल ताला लग गया है। ऐसी स्थिति में कुछ लोग अब उस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उसने बताया कि 23 जून को कुछ लोगों ने उसकी कार भी लेकर चले गए। शिकायतकत्र्ता का कहना था कि अभी तक कार का कोई पता नहीं चल सका है। इसके अलावा लोगों ने उससे कोरे स्टाम्प, फार्म 29 एवं शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिए हैं, जो उन्होंने अपने ही पास रखे हुए हैं। उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही है।




 तीन दिवसीय ताप्तीजन्मोत्सव
सात सौ किलोमीटर लम्बी ताप्ती के दोनो किनारों पर होगा कार्यक्रम
बैतूल ,(रामकिशोर पंवार) : भगवान भास्कर की छोटी बिटिया मां ताप्ती का तीन दिवसीय जन्मोत्सव कार्यक्रम उनकी जन्मस्थली मुलतापी मुलताई में शुरू हुआ। तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन नगर पालिका परिषद मुलताई बरसो से करती चली आ रही है। अषाढ़ शुक्ल की सप्तमी को दिन दोपहरी में धरती पर अपने पिता के आदेश पर अवतरीत हुई मां ताप्ती का जन्म हुआ था। छाया की पुत्री एवं न्याय के देवता शनिदेव की बहन माँ सूर्यपुत्री ताप्ती के तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रथम दिन प्रात: 9 बजे से ही ताप्ती सरोवर के आसपास के सभी मंदिरो का जलाभिषेक ,ताप्ती जी का दुग्धाभिषेक , महाआरती , ताप्ती पुराण , ताप्ती कथासार , सहित अनेक कार्यक्रम होगें। दुसरे दिन नगर के सभी स्कूलो में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं , वृक्षारोपण, श्रद्धालु भक्तो द्वारा ताप्ती सरोवर की परिक्रमा , शाम को महाआरती , तीसरे दिन 8 जुलाई को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के साथ तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन होगा। नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमति सुप्रिया संजय यादव के अनुसार देश - प्रदेश से हजारो की संख्या में लोग मां ताप्ती के जन्मोत्सव पर भाग लेने के लिए आना शुरू हो गए है। श्रीमति यादव ने श्रद्धालु भक्तो से निवेदन किया है कि ताप्ती सरोवर की शुद्धता का ध्यान रखे तथा ऐसी कोई भी वस्तु का सरोवर में प्रवाह न करे जिससे सरोवर प्रदुषित हो। पूरा नगर ताप्ती जन्मोत्सव पर दुल्हन की तरह सजा हुआ है। देखने लायक बात यह है कि पूरे तीन दिन मुलताई से लेकर सूरत तक 7 सौ किलोमीटर लम्बी ताप्ती के दोनो किनारो पर बसने वाले गांवो एवं महानगरो जिसमें बुरहानपुर , भुसावल , सूरत तक शामिल है में भव्य कार्यक्रम होगें। मां ताप्ती जागृति मंच ने पूरे देश की जनता को इस भव्य तीन दिवसीय कार्यक्रम में नदी के दोनो किनारो पर भगवान सूर्य नारायण के परिवार के पूरे सदस्यों का स्वागत सत्कार करने का अनुरोध किया है। अषाढ़ शुक्ल की साप्तमी को मां ताप्ती के जन्मोत्सव पर भगवान सूर्यनारायण अपनी जीवन संगनी संध्या, छाया, पुत्र यमराज , शनिदेव , अश्विनी कुमार ,मनु , पुत्री यमुना , भर्दा , सावित्री , दानवीर कर्ण के अलावा ताप्ती जी के पति सवरण , पुत्र कुरू तथा उनका पूरा वंश मां ताप्ती के तट पर उपस्थित होगा। ऐसा पुराणो में लिखा है कि हिन्दुओ के तैतीस करोड़ देवी - देवता भी इस दिन ताप्ती में स्नान और ध्यान करने के लिए आते है। भगवान आशुतोष मां तापती के सबसे बड़े भक्त है क्योकि उनके बारह ज्योतिलिंग एक साथ पूरे देश - दुनिया में केवल ताप्ती के तट पर ही है। ऐसे में भगवान अर्धनारीश्वर शिव ने गंगा के धरती पर अवतरण के पहले से ही ताप्ती के किनारे अपना आशियाना बना लिया था। सबसे अधिक शिवलिंग ताप्ती के किनारे ही स्थापित है जो इस बात का प्रतीक है कि शिव उपासना ताप्ती के किनारे हुई है। भगवान श्री राम से लेकर लंकाधिपति रावण और उसके बलशाली पुत्र मेघनाथ ने भी ताप्ती के किनारे तप करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था।  मां ताप्ती के जन्मोत्सव पर मंच ने सभी श्रद्धालु भक्तो से आग्रह किया है कि वे कल 7 जुलाई दिन गुरूवार तीथी अषाढ़ शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मां ताप्ती के पावन जल में स्नान - ध्यान करने के बाद मां को चुनर और सुहाग का सारा सामान भेट कर दुग्ध सहित पंच तत्वों से मां का जलाभिषेक करे।


एक मात्र प्राचिन दुर्लभ सफेद जनेऊधारी शिवलिंग
बैतूल,: सूर्यपुत्री एवं शनिदेव की प्यारी लाड़ली बहन माँ ताप्ती नदी पश्चिम दिशा की ओर तेज प्रभाव से बहने वाली प्रमुख नदियो में से एक है। मध्यप्रदेश महाराष्टï्र व गुजरात में करीब 470 मील (सात सौ बावन किलोमीटर) बहने वाली इस नदी के दोनो किनारो पर रहस्यो का छुपा होना तथा दुर्लभ मंदिरो , शिवलिंगो की आकृति का मिलना सदियो से चली आ रही माँ ताप्ती के पौराणिक महत्व का जीता जागता उदाहरण है। मुलताई के करीब ताप्ती नदी के किनारे बने नागा बाबाओं के द्वारा निर्मित भारती मठ में प्राचिन सफेद जनेऊधारी शिवलिंग के मिलने की खबर ने लोगो की जिज्ञासा को बढ़ा दिया है। बड़ी संख्या में आसपास और अन्य राज्यो से शिवभक्त देश - दुनिया के पहले एक मात्र अद्घितीय चमत्कारिक शिवलिंग के दर्शन के लिए उमड़ रहे है। इतिहासकार एवं चारो वेदो के ज्ञाता महापंडितो ने भी इस तरह के एक पत्थर से बने सफेद जनेऊधारी शिवलिंग के कहीं पर होने के या उसके मिलने की कोई प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध होने से इंकार करते हुये इस सच्चाई को स्वीकार कर रहे है कि पूरी दुनिया में बारह ज्योतिलिंगो एवं अन्य शिवालयो के मंदिरो में किसी शिवलिंग पर सफेद जनेऊ के प्राकृतिक रूप से उकेरी हुई नहीं है। शास्त्रो में लिखा है कि महान शिवभक्त महापंडित लंकाधिपति रावण एवं उसका बलशाली पुत्र इन्द्रजीत उर्फ मेघनाथ ने भी सर्वप्रथम शिव उपासना एवं पूजा में शिवलिंगो पर सफेद जनेऊ को शामिल किया था। आमतौर पर पुराणो एवं वेदो में शिव पूजा में सफेद जेनऊ का महत्व सबसे अधिक है जिसके बिना शिवपूजा - आराधना - उपासना की शुरूआत ही नही हो पाती है। अकसर देखने को मिलता है कि  शिवलिंग एक ही पत्थर से बना होता है लेकिन मुलताई के पास सूर्यपुत्री ताप्ती नदी के किनारे भारती मठ में मिला शिवलिंग बना तो एक ही पत्थर से है लेकिन उस शिवलिंग पर सफेद उकेरी गई आकृति जनेऊ समान चन्द्रमाकार रूप में दिखाई पड़ती है। वैसे देखा जाये तो सदैव भगवान शिव के माथे पर अर्धचन्द्रमा विराजे रहते है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि पिंड में शिवलिंग भर होता है लेकिन इस में भगवान शिव का गले का हार बने नाग की पूरी आकृति उसकी फन से लेकर पूछ तक बनी हुई है।
            सूर्यपुत्री माँ ताप्ती नदी की जन्मस्थली मुलताई (मुलतापी ) नगर पंचायत की पूर्व सदस्या सुश्री निशा भारती के अनुसार मुलताई के पास मिला भारती बाबा का मठ के चारो ओर पत्थरो की दिवार का परकोटा हुआ करता था जो अब खण्डहर के रूप में परिवर्तित हो गया है। इस मठ को प्राचिन काल से ही नागा बाबाओं का सिंघेरी मठ कहा जाता है। इस मठ के मध्य में जहां पर सफेद जनेऊधारी शिवलिंग के समीप बैठ कर अनेको साधु - संत - तपस्वी - महात्मा तपस्या करते थे।  सुश्री निशा भारती के अनुसार सिंघेरी मठ उसके पूर्वज गुरू महाराज तापी भारती के द्घारा बनवाया गया था। इस स्थान पर गुरू महाराज तापी भारती जो कि स्वंय नागा बाबा सम्प्रदाय के थे जिन्हे वर्तमान में कुछ लोग गोसाई महाराज भी कहा करते है के द्वारा बरसो तक कठोर तपस्या की थी। प्राचिन इतिहास के जानकार बताते है कि बैतूल जिले में सतपुड़ा की पहाडिय़ों के बीच से निकलने वाली सूर्यपुत्री ताप्ती जिसे पुराणो में आदिगंगा के नाम से भी उल्लेखित किया है यह नदी महाराष्टï्र के खान देश में 96 मील समतल तथा उपजाऊ भूमि के क्षेत्र से गुजरती है। खान देश में ताप्ती की चौड़ाई 250 से 400 गज तथा ऊंचाई 60 फीट है। इसी तरह गुजरात में 90 मील के बहाव में यह नदी अरब सागर में मिलती हैं इस नदी के दोनो किनारो पर मुलताई से लेकर अरब सागर तक  470 मील (सात सौ बावन किलोमीटर) के क्षेत्र में अनेको मंदिरो एवं मठो के अलावा साधु संतो की समाधियां बनी हुई है। ज्योतिषाचार्य पंडित कात्तु दीक्षित के अनुसार सफेद जेनऊधारी शिवलिंग की पूजा करने से त्वरीत फल की प्राप्ति होती है। पंडित वासु महाराज भी इस बात को स्वीकारते है कि विधि विधान से शिव भक्त भगवान भोलेनाथ की उपासना करे तो सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवताओं में भगवान भोलेनाथ का नाम अव्वल नम्बर पर आता है। ताप्ती सूर्यपुत्री होने के कारण धरती पर सबसे पहले अवतरीत हुई थी इस कारण भी सबसे अधिक तपस्या ताप्ती - तपती - तापी के नाम पूज्यनीय नदी के निर्मल जल की बहती धारा में की जाती है। यह क्रम आज भी ज्यो का त्यो चला आ रहा है। ताप्ती बचाओं एवं ताप्ती जनजागृति मंच ने भी आम लोगो से लेकर केन्द्र एवं राज्य सरकार से आग्रह किया है कि ताप्ती के जल के साथ - साथ उसके प्राचिन इतिहास और उसके किनारो पर बने खण्डहर होते जा रहे मंदिरो - मठो एवं सामधियो का संरक्षण किया जाये ताकि आने वाली पीढ़ी को ताप्ती का महत्व का पता चल सके।

एक व्यापारी के घर पर हुई लूट, दुसरे व्यापारी ने की लूट
पुलिस बनी दलाल और दोनो का करवाया समझौता
बैतूल , : इस समय बैतूल जिला मुख्यालय पर एफ यू रामसे ब्रदर्स की डरावनी और दहशत पैदा कर देने वाली फिल्मो का दौर चल रहा है। गंज के दो प्रमुख व्यापारियों को लेकर पुलिस हैरान एवं परेशान है कि आखिर करे तो क्या करे ..? क्योकि दोनो एक से बढ़ कर एक है। गंज के अनाज तिलहन के व्यापारी एवं विश्व हिन्दु परिषद के नेता प्रवीण गुगनानी ने दादागिरी के साथ कालेज रोड़ स्थित एक शापिंग कंपनी के गोदाम से एक ट्रक पूरा माल भर कर लूट कर ले जाने का प्रयास किया जिसे अन्य व्यापारियों की मदद एवं जनसहयोग से पकड़ा गया। शिकवा - शिकायतों के बाद मामला बैतूल कोतवाली तक दर्ज होने के लिए पहुंच गया। वही दुसरी ओर बैतूल गंज के जाने - माने कापी - पुस्तक के व्यापारी राजेन्द्र उर्फ राजू खण्डेलवाल के लिंक रोड़ स्थित निवास स्थान पर मध्यरात्री दो अज्ञात लूटेरो ने धावा बोल कर लूट कर ली। इस दौरान लूट करने वालो से अपना कीमती सामान , रूपए , पैसे , गहने लूटकर ले जाते समय उन्हे रोकने - टोकने आए खण्डेलवाल दम्पति की जम कर पिटाई कर दी। लूटेरे के द्वारा सिर पर मारी गई लोहे की राड के चलते श्री खण्डेलवाल को नागपुर ले जाया गया। उनके साथ उनकी पत्नि को भी उपचार के लिए संग भेजा गया। खबर लिखे जाने तक दोनो पति - पत्नि की हालत ठीक है लेकिन बैतूल गंज के अनाज एवं तिलहन के व्यापारी प्रवीण गुगनानी की हालत ठीक नहीं है। उसके खिलाफ अब बैतूल गंज के व्यापारी भी लामबंद होने लगे जिसके चलते कभी भी लूट वह भी एक दो नहीं बल्कि 20 लाख रूपए की लूट का मामला दर्ज हो सकता है। बताया जाता है कि बैतूल गंज के व्यापारियों की शिकायत यह थी कि जब माल सभी व्यापारियों ने कालेज रोड स्थित शापिंग कंपनी को दिया था तब प्रवीण गुगनानी को उसके माल गोदाम में एक माह से ताला लगाने एवं बिना व्यापारियों की सहमति के स्वंय के द्वारा देर रात्री में पूरा माल गोदाम से भर कर ले जाने की ऐसी क्या जरूरत थी। सभी व्यापारी इसे एक तरफा लूट की कार्रवाई मानते है। इधर जबसे कांग्रेस के जिला कोषाध्यक्ष एवं अल्पसंख्यक नेता सिद्धीक पटेल और प्रवीण गुगनानी एक क्या हुए अन्य व्यापारियों ने अपने कदम दो कदम पीछे खीच लिए। दो बहुचर्चित घटनाओं में पुलिस की परेयाानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस भारी मानसिक दबाव में है कि वह प्रवीण गुगनानी के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज करे तो लूट की राशी क्या बताएं क्योकि शिकायतकत्र्ता का आरेप है कि उसकी गोदाम में रखा 25 लाख ढपए का पूरा माल लूट लिया गया है। पुलिस ने जिस ट्रक को माल ले जाते पकड़ा है उसकी कीमत चार - पंाच लाख भी नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे में उसके गले की भी फांस बनी है 25 लाख की लूट। शापिंग कंपनी के मैनेजर दिलीप सिकरवार नामक व्यक्ति बताए जा रहे है जिसके अनुसार प्रवीण गुगनानी के पास पिछले एक माह से गोदाम की चाबी थी और वह थोड़ा - थोड़ा माल लोगो की नज़रो से बचा कर ले जा रहा था लेकिन जब पूरे ट्रक में भर कर माल ले जा रहा था तब उसे कंपनी के संचालक एवं एजेंटो तथा गंज के ही कुछ व्यापारियों ने रंगे हाथो पकड़ लिया। पुलिस भी इस शोर गुल में घटना स्थल पर पहुंच गई और उसने ट्रक को माल सहित जप्त कर लिया। रात्री को ही जिला कलैक्टर से लेकर सारे बड़े आला अफसरो तक घटना की जानकारी दे दी गई। दुसरे दिन शिकायतकत्र्ता पर रिर्पोट वापस लेने का दबाव बनाया गया लेकिन जब वह टस से मस नहीं हुआ तो पुलिस ने आखरी मौका देतेे हुए आपस में समझौता करने की सलाह तक दे डाली लेकिन जब बात फिर भी न बनी तो पुलिस ने लूट का मुकदमा प्रवीण गुगनानी के खिलाफ दर्ज करने का मन तो बना लिया लेकिन वह आगे पीछे हो रही है। इधर लगातार गिरते अपराधो से शर्मसार पुलिस विभाग के अधिकारियों ने बैतूल को लेकर अपना सिर पीटना शुरू कर दिया है। सरकारी खजाना लूट कांड के बाद लगातार लूट और चोरी की वारदातों से परेशान पुलिस अधिक्षक आरएल प्रजापति अचानक छुटट्ी पर चले गए। खजाना लूटे जाने के बादकलैक्टर छुटट्ी पर चले गए थे लेकिन अब पुलिस अधिक्षक के छुटट्ी पर चले जाने के बाद पुलिस विभाग का छोटा से लेकर बड़ा कर्मचारी और अधिकारी अपनी नौकरी बचाने के अभियान में जूट गया है। पुलिस की मनोव्यथा का फायदा उठाते हुए अपराध सर चढ़ कर बोलने लगा है। अपने सिर पर 25 लाख की लूट का कामा दर्ज करने के बाद होनी वाली तथाकथित फजीहत से बचने के लिए पुलिस को दलाल की भूमिका भी निभानी पड़ी। पुलिस किसी भी सूरत में 25 लाख की लूट का मामला दर्ज कर अपने सिर पर बोझ रख कर ढोना नहीं चाहती थी उसने दोनो पक्षो को बुलवाया और थाने से बाहर ले जाकर दोनो का समझौता करवाया। अब सोचने लायक बात यह है कि पूरे मामले में झुका कौन दोनो व्यापारी एक दुसरे के सामने नतमस्तक हुए या फिर पुलिस उनके चरणो में लेट गई ...? बरहाल बैतूल कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में लूट का तथाकथित पूरा माल शिकायतकत्र्ता को वापस लौटाया गया बताया जाता है कि गंज के व्यापारियों और दुकानदार के बीच चल रहा विवाद सोमवार दोपहर कालापाठा में हुई बैठक के बाद समाप्त हो गया। व्यापारियों ने दुकानदार को पुलिस की उपस्थिति में माल वापस कर दिया। व्यापारियों ने दुकानदार को पैसे लौटाने के लिए भी डेढ़ माह का समय दिया है। व्यापारियों और दुकानदार की महत्वपूर्ण बैठक सोमवार दोपहर कालापाठा में हुई। बैठक में विवाद सुलझ गया। व्यापारी बंटी मोटवानी ने बताया कि दुकानदार संजय ने व्यापारियों को डेढ़ माह में पैसे वापस देने के लिए कहा है। पुलिस की मौजूदगी में दुकानदार को माल वापस कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कॉलेज रोड स्थित एक दुकानदार को गंज क्षेत्र के ही कुछ व्यापारियों ने लाखों का सामान उधार दिया था। बदले में संजय ने व्यापारियों को चेक दिए थे। चेक बाउंस होने पर व्यापारियों ने संजय की दुकान से माल उठवा लिया। इस पर संजय ने व्यापारियों पर लाखों रूपए के सामान की लूट करने का आरोप लगाया था।


कमलनाथ के चलते रूकी सतपुड़ाचंल
के कांग्रेस जिलाध्यक्षो की सूचि
बैतूल , मध्यप्रदेश की कांग्रेस की राजनीति में बंगाली बाबू कमलनाथ की दाल की गलती है इस बात का तब लोगो को पता चला जब कांग्रेस के जिलाध्यक्षो की आधी - अधुरी सूचि जारी की गई। सभी गुटो को उनके प्रभाव वाले क्षेत्रो में अपनी - अपनी पंसद के लोगो को जिलाध्यक्ष बनाने का मौका मिला था इसलिए ज्योतिदत्य राजे सिंधिया , अरूण यादव, दिग्यविजय सिंह , कांतीलाल भूरिया, अजय सिंह को अपने - अपने खेमे के समर्थको को उपकृत करने का भरपूर मौका मिला और सबकी पसंद के लोग जिलाध्यक्ष भी बन गए। कुछ के नाम विवादो के चलते तथा कुछ के नाम आम सहमति न बन पाने के कारण रूक गए। महाकौशल और सतपुड़ाचंल के प्रभाव वाले क्षेत्र में कमलनाथ का प्रभाव को ध्यान में रख कर महाकौशल के कुछ तथा सतपुड़ाचंल के जिलो के अध्यक्षो के नामों की घोषणा विदेश दौरे पर गए केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ के आने के बाद आठ जुलाई को होगी। सात जुलाई तक कमलनाथ अपने विदेश दौरे से वापस लौट रहे है। कमलनाथ के प्रभाव वाले सतपुड़ाचंल के जिलो के कांग्रेस जिलाध्यक्षो के नामो की सूचि इसलिए कांग्रेस पार्टी द्वारा घोषित नहीं की जा सकी है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की सहमति पर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी ने मध्यप्रदेश के 32 जिलो के कांग्रेस जिलाध्यक्षो के नामो की सूचि जारी कर दी है। बैतूल , छिंदवाड़ा,   के जिलाध्यक्षो के नामों की सूचि कमलनाथ के स्वदेश वापस लौटने के बाद होगी। बताया जाता है कि बैतूल जिले से कांग्रेस जिलाध्यक्ष के रूप में दो नाम चल रहे थे जिसमें कांग्रेस के प्रताप सिंह उइके का नाम सबसे आगे था लेकिन उनके विरोधियों द्वारा प्रताप सिंह को कैंसर की बीमारी से पीडि़त बता कर उनके स्थान पर किसी अन्य की नियुक्ति का दबाव बनाया जा रहा था। हालाकि कमलनाथ भी प्रताप सिंह के नाम पर सहमत थे लेकिन प्रताप सिंह की बीमारी के चलते किसी अन्य को जिलाध्यक्ष बनाने की सुगबहाट को उस समय धक्का लग गया जब मैडम की ओर से यह कहा गया कि बिना कमलनाथ की सहमति के उनके प्रभाव वाले जिलों  में अध्यक्षों के नामो की घोषणा नहीं की जाएगी। अब काग्रेंस के जिलाध्यक्ष की दौड़ में कांग्रेस महामंत्री अरूण गोठी , प्रशांत गर्ग , प्रयागराव कवड़कर , राजेन्द्र जैसवाल , सुखदेव पांसे , धरमू सिंह सिरसाम के नामों की भी चर्चा चल रही है हालाकि सुखदेव पांसे एवं धरमू सिंह सिरसाम कांग्रेस के विधायक है तथा कमलनाथ के खेमे के बताए जाते है। जानकार सूत्रो का यहां तक दावा है कि चुहे और बिल्ली की लड़ाई में किसी अन्य के भाग्य का भी फैसला हो सकता है। कहा जाता है कि जातिवाद - पंूजीवाद - भाई भतीजावाद से हट कर कांग्रेस का नया वह भी बैतूल जैसे पिछड़े जिले में अध्यक्ष खोज निकालना कोई आसान खेल नहीं है। वैसे कांग्रेस के नेताओं का दावा है कि उनके नेता पारस पत्थर है वे जिस लोहे को चाहे सोना बता सकते है लेकिन सोना कभी - कभी राजनैतिक महत्वाकांक्षा से जुड़े लोगो को भी पगला देता है।



चल भाग चले पूरब की ओर .......
लड़कियां स्वंय भाग रही है या फिर उन्हे भगाया जा रहा है..?
मुलताई, यूएफटी न्यूज: मुलताई थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गुबरैल क्षेत्र की तीन आदिवासी छात्राएं लापता हो गईं। एक साथ तीन छात्राओं के अचानक लापता होने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। छात्राओं को लापता हुए 48 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन इनका कोई सुराग नहीं लग पाया है। तीनों ही छात्राएं आपस में रिश्तेदार हैं और दुनावा से ही लापता हुई है। बताया जा रहा है कि लापता छात्राओं में से एक छात्रा कक्षा 11 वीं में दाखिला कराने दुनावा आई थी और अन्य दो छात्राएं इसके साथ आई थी। क्षेत्र से लगातार लड़कियां गायब हो रही हैं। रविवार को ग्राम गुबरैल और जिंदुढाना की तीन छात्राएं घर से कपड़े एवं रूपए लेकर अचानक लापता हो गई। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम गुबरैल निवासी रामसू आदिवासी की 14 वर्षीय पुत्री प्रमिला कक्षा नवीं की छात्रा है। यह लीलाझर के हाईस्कूल में अध्यनरत है। प्रमिला शनिवार को स्कूल गई थी एवं शाम को घर भी लौट आई थी। रविवार सुबह वह मामा के गांव जिंदुढाना जाने का कहकर घर से निकली थी। वहीं जिंदुढाना निवासी 14 वर्षीय छात्रा दुर्गा पिता बुद्धु आदिवासी भी कक्षा नवी की छात्रा है। जिंदुढाना निवासी हीरालाल आदिवासी ने बताया कि उसकी 18 वर्षीय पुत्री सविता कक्षा 10 में दो साल फेल होने के बाद इसी साल पास हुई थी। उसका दाखिला कक्षा 11 में दुनावा में करवाया गया था। सविता शनिवार को बुआ की लड़की प्रमिला एवं चचेरी मौसी दुर्गा को साथ लेकर दुनावा गई थी। जहां उन्होंने फोटो खिंचवाई। शनिवार को तीनों घर वापस चली गई थी। इसके बाद रविवार शाम चार बजे जिंदुढाना में तीनों आपस में मिली। इसके बाद से ही तीनों लापता हैं। बैतूल जिले से नाबालिग लड़कियों के लापता होने की बाते तो सामने आती है लेकिन एक बात अकसर माता पिता छुपाने का प्रयास करते है कि लड़किया किसी के साथ भागी है या फिर भाग गई है..? अचानक लापता हो रही लड़कियो के बारे में जो तथ्य सामने आ रहे है उसमें कई तो ऐसे चौकान्ने वाले भी है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। ऐसा नहीं कि बैतूल जिले में नाबालिग लड़कियों को ले जाकर देह व्यापार के क्षेत्र में डालने वाले गिरोह के सदस्य सक्रिय नहीं है। लेकिन अधिकांश मामलों में उनकी खरीदी - बिक्री में परिवार के सदस्यों , जान पहचान के लोगो के भी नाम सामने आए है जो बिचौलियों का काम कर रहे है। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि नागपुर की गंगा - जुमना बदनाम बस्ती में बैतूल जिले के आदिवासी अंचलों की दर्जनो लड़किया नरकीय जीवन जी रही है। कुछ तो हिम्मत करके भाग भी आई लेकिन कुछ ने तो उस कड़वे सच को स्वीकार भी कर लिया है। जिले में बड़े पैमाने पर शादी - विवाह के नाम पर लड़कियों , युवतियों , महिलाओं की खरीदी - बिक्री का धंधा फल - फूल रहा है। ऐसे में लगातार गायब हो रही लड़किया जांच का विषय है।

तीन बच्चों की मौत सहित एक नवविाहिता की जहर खाने से मौत
बैतूल , (रामकिशोर पंवार) : जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों मे अलग-अलग कारणों से तीन बच्चों की मौत हो गई। आठनेर पुलिस ने बताया कि ग्राम ओझूढाना निवासी दस वर्षीय बालक रितेश पिता रमेश बकरी चराने गया था। उसकी डैम में नहाते समय डूबने से मौत हो गई। इधर भैंसदेही पुलिस ने बताया कि ग्राम सिरजगांव निवासी 13 वर्षीय मोनिका पिता आनंदराव आदिवासी की अचानक कुएं में गिरने से पानी में डूबकर मौत हो गई। सांईखेड़ा पुलिस ने बताया कि 11 वर्षीय सोनू पिता महादेव पंवार को रात में सांप ने डस लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। सभी मामलों में पुलिस ने मर्ग कायम किया है। इसी कड़ी में भैंसदेही थाना क्षेत्र में एक नवविवाहिता की जहर खाने से मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि ग्राम पिपरिया निवासी 19 वर्षीय ज्योति पति धर्मराज ने रविवार रात में अज्ञात कारणों से जहर खा लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि ज्योति का विवाह एक वर्ष पहले ही हुआ था। मायके पक्ष के लोगों ने ज्योति की सास पर प्रताडऩा का आरोप लगाया है।



जादू-टोने के शक में हुई थी युवक की हत्या
दिन दहाड़े दो युवको को गोली मारी
घोड़ाडोंगरी बैतूल , (रामकिशोर पंवार): सारणी थाना इलाके के बेहडीढाना गांव में शनिवार रात हुए अंधे कत्ल का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि अधेड़ की हत्या जादू-टोने के शक में की गई थी।पुलिस ने बताया कि रविवार सुबह तुलसी (50) पिता भूता 50 वर्ष का शव उसके ही घर के पास मिला था। अज्ञात लोगों ने चाकू से गोदकर उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने संदेह होने पर घुडू पिता श्यामू आदिवासी निवासी बेहडीढाना को हिरासत में ले लिया था। पूछताछ के बाद घुडू ने हत्या करना स्वीकार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि घुडू का मृतक तुलसीराम से जमीन को लेकर कुछ माह पूर्व विवाद हुआ था। उस समय तुलसीराम ने घुडू और उसके पूरे परिवार को जान मारने की धमकी दी थी। इसके बाद घुडू के छोटे भाई,बडे भाई और पिता की अचानक मौत हो गई। घुडू को शक था कि मृतक तुलसीराम ने ही जादू टोना किया है, जिससे उसके पिता और भाइयों की मौत हुई है। तबसे ही घुडू तुलसीराम की हत्या के मौके की तलाश में था। शनिवार रात में तुलसीराम और घुडू के बीच विवाद हुआ। घुडू ने तुलसीराम को चाकू मारकर भाग गया। शिवदीन और रामचरण द्वारा घायल तुलसीराम को घर ले जाया जा रहा था,लेकिन उसकी रास्ते में ही मौत हो गई। एसडीओपी ने बताया कि घुडू को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। रामचरण और शिवदीन पर साक्ष्य छुपाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इसी कड़ी में बैतूल नागपुर नेशनल हाइवे 69 पर दो युवकों को मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोगों ने गोली मारकर घायल कर दिया। घायलों को पाढर अस्पताल में भर्ती किया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों पर मामला दर्ज कर एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि सुबह साढ़े दस बजे के लगभग द्वारकानगर निवासी सिद्धू बरैया अपने इटारसी रोड स्थित ढाबे पर पहुंचे। दुपाहिया वाहन से उतरते ही बाइक पर सवार तीन लोगों ने उन पर बंदूक चलाना शुरू कर दिया। इस दौरान सिद्धू के दोनों पैरों में एक-एक गोली लगी है। युवकों द्वारा अंधाधुंध गोलियां चलाई जा रही थी,इससे ढाबे में ही काम करने वाला संजू पिता मकल सिंह भी घायल हो गया। संजू के पैर में एक गोली लगी और दूसरी गोली हाथ पर लगकर निकल गई। गोलियां चलाने के बाद तीनों युवक भागने लगे। एक युवक संतोष उर्फ पिल्लू पंवार को ढाबे पर ही काम करने वाले लोगों ने पकड़ लिया। घायलों को जिला अस्पताल मे इलाज कराने के बाद पाढर अस्पताल में भर्ती किया है। सूचना मिलते ही अस्पताल में एसडीओपी एमएल सोलंकी, एसडीओपी आरएन ब्रारू सहित अन्य पुलिसकर्मी पहुंच गए थे। पुलिस ने संतोष सहित सुभाष वर्मा, सचिन तिवारी पर धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया है।

ओ मेरे लाल आ जा........
बैतूल , (रामकिशोर पंवार): आपने मदर इंडिया तो देखी होगी। जब सुनीलदत्त अपनी बुढ़ी मां से नाराज होकर घर छोड़ कर चला जाता है तो नरर्गिस गाना गाती है कि ओ मेरे लाल आ जा ........ कुछ ऐसा ही ड्रामा एसडीएम की कोर्ट में बीते कल देखने को मिला। जब एक सोलह साल का लड़का अपने मां को छोड़ कर कहीं भी चले जाने को तैया हो गया..... मां ने बेटे को डांटा क्या वह तो अपने मां - बाप की आंखो से दूर होने को आमदा हो गया। पूरा मामला कुछ इस प्रकार का है कि अपने बेटे के मोबाइल पर किसी लड़की के मिस कॉल ने ऐसा बवाल किया कि बेटे और माता - पिता के बीच में चीन की दिवार खड़ी हो गई। जवानी की दहलीज पर पांव रखने जा रहे अपने जीगर के टुकड़े को मात्र 16 साल की उम्र में स्कूल में पढऩे के लिए भेजने वाले मां - बाप को क्या मालूम था कि उनका बेटा स्कूल की नहीं प्रेम की पाठशाला में पढ़ रहा है। अपने एक मात्र बेटे को लगातार आ रहे किसी लड़की के मिस काल ने ऐसी मिस अंडर स्टेंडिग पैदा कर दी कि दोनो एक दुसरे के जान के दुश्मन बन गए। लड़के ने अपनी तथाकथित प्रेमिका के चक्कर में पड़ कर अपने मां-बाप से अलग होने के लिए आवेदन दे दिया। जब वह आवेदन लेकर एसडीएम के पास पहुंचा तो एसडीएम ने भी अपना माथा पीट लिया। मिस्टर इंडिया बनने वाले एसडीएम को यह पता नहीं चल पा रहा था कि मोगेम्बो आखिर है कौन..? 16 साल के लड़के हाथ में माता - पिता से तलाक लेने का आवेदन पहली बार एसडीएम की कोर्ट में पहुंचा। एसडीएम ने इस स्कूली छात्र को जैसे-तैसे समझा-बुझाकर वापस घर भेज दिया। उसके मां-बाप का कहना है कि मोबाइल ने उनके पुत्र को बर्बाद कर दिया है। एसडीएम के सामने आवेदन लेकर आए इस स्कूली छात्र का कहना था कि वह हर हाल में घर से अलग होना चाहता है। उसने आवेदन में लिखा था कि वह शराब और सिगरेट पीता है। घरवाले उसे रोकते हैं इसलिए वह घर से अलग होना चाहता है। इस पर एसडीएम ने उससे कहा कि तुमने आत्महत्या का प्रयास किया है इसलिए तुम्हें जेल भेज देंगे तो यह छात्र कहने लगा कि साहब घर के अलावा कहीं भी भेज दो चला जाऊंगा। एसडीएम के पूछने पर उसका कहना था कि उसके पिता गांजा पीते हैं इसलिए वह परेशान है। कई महीने से यह छात्र और उसके परिजन पिछले कई महीनों से थाने के चक्कर काट रहे हैं जब थाने वाले भी इनकी समस्या का हल नहीं कर पाए तो पुलिस ने इन्हें एसडीएम के पास भेज दिया। करीब एक घंटे तक एसडीएम इस स्कूली छात्र और उसके मां-बाप को समझाते बुझाते रहे। तब कहीं यह छात्र उनके साथ जाने के लिए तैयार हुआ। वैसे छात्र की हरकतों को देखते हुए एसडीएम ने पहले तो उसे बाल सुधार गृह भेजने के लिए पुलिस भी बुलवा ली थी लेकिन मां का दिल तो दरिया और पर्वत से भी ऊंचा है। मां ने अपने जिगर के टुकड़े से दूर न रहने की मिन्नते की तो एसडीएम का भी दिल पसीज गया और फिर उन्होने बालक को पुन: समझाया। स्कूली छात्र की मां का कहना है कि उनके बेटे के मोबाइल पर उसकी गर्लफ्रेंड का मिसकॉल आता है और उसके बाद वह घंटों उससे बातें करती है। उन्होंने बताया कि बैलेंस के लिए आए दिन लड़का पैसे मांगता है। चार बार मोबाइल बेच चुका है। को भी उसने रिचार्ज के लिए पैसे मांगे नहीं देने पर झगड़ा शुरू कर दिया और अपने हाथों को ब्लेड से जख्मी करने लगा। उसकी मां का कहना था कि आए दिन इस तरह की हरकत करता है। पहले भी तीन लड़कियों के चक्कर में पूरे घर को परेशान कर चुका है।

स्टेशन निशाने पर कटट्र पंथी मुस्लीम
युवको प्रेस कार्ड को बनाया बचाव का जरीया
बैतूल ,(रामकिशोर पंवार) : मध्यप्रदेश में सिमी के बढ़ते नेटवर्क के दायरे में बैतूल जिले के वे शिक्षित - अनपढ़ कटट्रपंथी अपराधिक छबि के युवको को शामिल किये जाने की $खबर है जिनका काम दिन भर कालेज और शहर में गटरमस्ती करना होता हैै। ऐसे खर्चिले नवयुवको को जिनका अपराधिक रिकार्ड काफी खराब है इन लोगो को प्रेस का कार्ड बनवा कर सिमी के लोग बैतूल जिले में अपना सूचना तंत्र स्थापित कर चुके हैै। बैतूल जिले के विभिन्न पुलिस थानो के दर्ज अपराधो पर गौर करे तो पता चला है कि जिन मोटर साइकिलो को बम के धमाको में शामिल किया जाता है ऐसी मोटर साइकिलो की चोरी की वारदाते बैतूल जिले में बीते पांच माह में तीन दर्जन से अधिक हो चुकी हैै। कई बार पुलिस को संदिग्ध परिस्थितियों में मोटर साइकिले मिल चुकी हैै। बैतूल जिले में भलें ही अभी तक बम के धमाको की गूंज जिले की पुलिस को जागरूक करने के लिए नहीं सुनाई पड़ी हो लेकिन सच्चाई से नकारा भी नहीं जा सकता कि बैतूल जिले से होने वाली इंटरनेशनल कालो में बैतूल जिले के कई क्षेत्रो का उल्लेख हुआ हैै। जिले से उज्जैन एवं इंदौर को होने वाली हर दुसरी - तीसरी काल से ज्यादा महत्वपूर्ण है । जिले से बंगलादेश को होने वाली इंटरनेशनल काले जो कि कहीं न कहीं संदेह को जन्म देती हैै। बैतूल जिला प्रशासन को इस बात की पूर्व में जानकारी है कि जिले के  36 शरणार्थी केम्पो में बसे शरणार्थी बंगाली परिवारो की आड़ में जिले में कई बंगलादेशी मुसलमान चोरी - छीपे नाम और शक्ल बदल कर बसे हुये हैै। बैतूल जिले में सुरक्षा की दृष्टिï से अति महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील क्षेत्र सारनी ताप बिजली घर एवं आमला स्थित बोडख़ी एयरफोर्स स्टेशन में आज भी लोगो का बेरोक - टोक आना - जाना बरकरार है। पूर्व में भी बैतूल जिले के अल्पसंख्यक परिवार के कबाडिय़ो ने दोनो ही संवेदलशील क्षेत्र से कबाड़ा के चक्कर में ऐसे सामानो को चुरा लिया था जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। बैतूल जिले की पुलिस के कई आला अफ सरो से जिले में कार्यरत सिमी के  नेटवर्क से जुड़े लोग सम्पर्क बनाये हुये हैै। मध्यप्रदेश पुलिस को उज्जैन एवं इन्दौर मेें पकड़ाये एक सदस्य से बैतूल जिले में कार्यरत उनके नेटवर्क के बारे में जानकारी मिली थी जिसकी सूचना कई बार राज्य शासन की गुप्तचर शाखा भी दे चुकी है लेकिन बेपरवाह - लापरवाह पुलिस को बैतूल जिले मेे ऐसे हादसो को रोकने से कोई मतलब नही। बैतूल के पूर्व नगर निरीक्षक आरपी अग्रवाल ने जिला मुख्यालय के एक अल्पसंख्यक परिवार के आदतन अपराधी के जिला बदर की कार्यवाही शुरू की लेकिन बाद वही अपराधी भोपाल के किसी समाचार पत्र का पत्रकार बन कर उसने अपने अपराधी पत्रकार पिता एवं उसके दोस्तो से कलैक्टर एवं पुलिस अधिक्षक पर दबाव बना कर जिला बदर की कार्यवाही की पूरी नस्ती बंद फाइल ही गायब करवा दी। बैतूल जिले की पुलिस को सिमी के नेटवर्क पर तथा दोनो महत्वपूर्ण क्षेत्रो की सुरक्षा के प्रति सजग रहना चाहिये। इसके पूर्व भी मुस्तफा नामक युवक के बारे में पुलिस को गुप्तचर शाखा से जानकारी मिली थी जिसको राजनैतिक एवं कुछ स्थानीय अफसरो के दबाव के चलते ठंडे बस्ते में प्रकरण को डाल दिया गया। अनेको अपराधो में लिप्त इस युवक के परिवार के सदस्य कुछ साल पहले तक वन विभाग के एक कार्यालय के सामने चाय बेचा करते थे लेकिन अचानक इस परिवार की माली हालत में सुधार तथा दिन भर आवारा लड़को के साथ कालेज रोड़ पर गटरमस्ती तथा अनाप - शनाप खर्च के बारे में पूर्व जिला पुलिस अधिक्षको को बैतूल गंज पुलिस चौकी एवं बैतूल थाना में पदस्थ कर्मचारियो ने बकायदा सूचित किया था लेकिन पुलिस विभाग के अफसर किसी बड़ी अप्रिय घटना के इंतजार में सारे मामले को दर किनार किये हुये है।


जहां आज भी लालटेन और चिमनी का दीया ही टीम टीमाता है
बैतूल  ( रामकिशोर पंवार ) जनता के बीच मनमोहक - मनभावन - लोकलुभावन नारो और भाषणो को देने वाले इस देश के तथाकथित कर्णधारो एवं देश की अवाम को तरह - तराह के सपनो को दिखाने वाले सपनो के सौदागरो से यदि कोई यह सवाल पुछे कि आखिर क्या व$जह है कि आजादी के 62 साल बीत जाने के बाद तथाकथित आजाद भारत के मध्यप्रदेश राज्य के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले के 92 गांवो में आज भी मिटटï्ी का तेल नसीब नहीं होने के बाद भी गांव के लोग किसी तरह लालटेन और चिमनी का दीया जला कर अपना गुजर बस करने को म$जबुर है। वीबीआईपी जोन में शामिल बैतूल जिले के 92 गांवो में आजादी के 63 साल पूर्ण हो जाने के बाद भी बिजली का आना - जाना तो दूर उसके दिव्य दर्शन तक नहीं हो सके है। सरकारी तथाकथित आकड़ो की बाजीगरी देखे तो पता चलता है कि वर्ष 2001 की जनसंख्या के अनुसार जिले में 1343 आबाद गांव है जिसमें से मात्र 1251 गांवो में ही लुका छिपी का खेल खेलने वाली बिजली के खम्बे पहँुच सके है। सबसे अधिक 40 कालापानी कहे जाने वाले आदिवासी बाहुल्य गांव आदिवासी विधानसभा क्षेत्र भैसदेही के भीमपुर विकास खण्ड के है। चिचोली विकासखण्ड के 12 गांवो के अलावा बैतूल जिला मुख्यालय के बैतूल 4 तथा घोड़ाडोंगरी विकास खण्ड के 13 गांव शामिल है। शाहपुर विकासखण्ड के 7 आमला विकासखण्ड के 8 भैसदेही विकास खण्ड के 6 तथा आठनेर विकास खण्ड के 3 गांव है। इससे बड़ी शर्मसार बात और क्या होगी कि इस मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले में राज्य का सबसे बड़ा सतपुड़ा ताप बिजली घर लगा है जिससे उत्पादीत बिजली दुसरे राज्यो को बेची जा रही है लकिन इस थर्मल प्लांट के समय ही इससे लगे कई गांवो में आज भी दिया तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ है। सारनी से लगे कई गांवो को पावर हाऊस की बिजली तो नहीं मिली अलबत्ता उन्हे पावर हाऊस की प्रदुषित जलरीली राख जरूर आसमान से और बहते पानी में पीने को मिल जाती है। सबसे आश्चर्य जनक तथ्य यह है कि जिले के 1108 मजरे - टोलो में से मात्र 644 में बिजली पहँुच सकी है। इन सब से हट कर कोई प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से सवाल करे तो उनके पास रटा - रटाया जवाब है कि वन ग्रामो में बिजली पहँुचाने के लिए वन विभाग की अनुमति चाहिए जो उन्हे नहीं मिल रही है। अब कोई ऊर्जा मंत्री से पलटवार कर सवाल करे के महाशय वन विभाग का अनुमति पाने वाला कार्यालय लंदन में या है वाशिंगटन में तो है नहीं  ..? जहां से अनुमति मिलने में सात समुद्रो को पार करना पड़ रहा है.....? कई बार बैतूल जिले के बिजली विहीन गांवों की त्रासदी को राज्य विधान सभा एवं लोकसभा में उठाने प्रयास तो किया गया लेकिन उसकी सहीं ढंग से वकालत न होने से किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया और राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर संत्री तक आज भी वही अपना पुराना रटा - रटाया राग अलापते रहते है  कि हमने प्रदेश की तकदीर और तस्वीर बदली है , अब थोड़ी - बहँुत कमी तो रही जाती है ......? सबका हमने ठेका थोड़े ले रखा है ...? हम तो अभी पाँच छै साल से आये है , कांग्रेस ने तो चालिस साल तक शासन में थी उसने क्या काम किया....?  देश के जाने - माने अर्थशास्त्री डाँ मनमोहन सिंह ने अपने प्रधानमंत्री काल में 20 मार्च 2005 में सभी जिला कलैक्टरो से कहा था कि वर्ष 2009 तक देश के हर गांव तक बिजली पहँुचाने के प्रयास हो ताकि भारत का निमार्ण हो सके। कलैक्टरो ने प्रधानमंत्री की हिदायत इस कान से सुनी और दुसरे कान से निकाल दी क्योकि उन्हे भी मालूम है कि मनमोहन सिंह क्या स्वंय महामहिम राष्टï्रपति महोदया भी उन्हे एक ही जिले में वर्ष 2009 तक भारत के नवनिमार्ण करवाने के लिए स्थायी रूप से पदस्थ नहीं रख सकती। आज 2011 लगभग आधा बीत चुका है लेकिन गांव का अंधकार आज भी ज्यों का त्यों बना हुआ है। ऐसे में सरकारी योजनाये भाषणो और नारो तक सीमट कर रह गई है। देश का पहला गैसी फायर से बिजली उत्पादित करने वाले बैतूल जिले के उस आदिवासी बाहुल्य गांव कसई का गैसी फायर युनिट तक आज बंद पड़ा है। भारत सरकार के अपारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत मंत्रालय (एम.एम.ई.एस) द्घारा शुरू की गई थी अब इस अभिनव योजना को किसी बैरी की न$जर लग गई। जिले के इस गांव पर आनन - फानन में बिजली पहँुचाने वाले दुबारा उस चौपाल पर नहीं पहँुचे। सौर ऊर्जा से बिजली जलाने वाले कई गांवो के सौर ऊर्जा उपकरण देख - रेख के अभाव में बंद हो गये। इतना ही नहीं इस जिले में पड़ौसी राज्य महाराष्ट्र से आने वाली तेज हवाओं से उत्पादित पवन ऊर्जा सयंत्र से बिजली का कथित उत्पादन भी हवा के साथ आखो से ओझल होता दिखाई दे रहा है। देश - प्रदेश का ब्रिट्रीस हुकुमत के जमाने से बना बहुचर्चित लोकप्रिय पवन ऊर्जा उत्पादन केन्द्र कुकरू खामला को राज्य सरकार अपने पर्यटक स्थलों में तक शामिल नहीं करवा सकी है। यहाँ आज भी मिटट्ी के तेल का दिया कभी - कभी टिमटिमाता दिखाई पड़ जाता है। बैतूल जिले के जिन गांवो में बिजली का झटका नहीं लगता उनकी सूचि काफी लम्बी है। प्रमुख गांवों में भीमपुर विकास खण्ड का कोल्हू ढ़ाना , कल्याणपुर , चीवल , रोहणी , केकड्या , कलां , झाकस , रहतिया , बाटला कंला , हरडाडाडू , पाली , हिड़ली , उमर घाट , मेलोर , बीरपुर , बेहड़ा , बाटला खुर्द , डेसली , धावड़ा रैयत , केकड्यिा $खुर्द , कीडिंग रैयत , राबड़ा रैयत , डेगना , पाढऱ , घोड़पढ़ रैयत , बेहड़ा , तकझीरी, पालंगा , हर्रा, झमली डोह , डुलिया, जोगली , पालंगा , पोटला , दाबिदा रैयत , खैरा , उत्तरी , डोडा जाम , बिजोरी , टिगरिया , कारिदा ,  चिचोली विकास खण्ड का जाम नगरी , टोकरा , पंक्षी , कनारी , देवठान , मोहनपुरा , बरखेड़ा , बाला डोंगरी , खोकरा खेड़ा ,गवांसेन , दारियागंज , जिला मुख्यालय बैतूल विकास खण्ड का गुवाड़ी , धाराखोह , पहावाड़ी , साजपुर , घोड़ाडोंगरी विकासखण्ड का ब्राहमणवाड़ा , फोपस , निशाना , डगडगा, सीतल खेड़ा , सुयाघुड़ी , रोझड़ा , भतौड़ी , रामपुर , झंमलीखेड़ा , बीजादेही, जुआंझर, अर्जूनगोंदी , शाहपुर विकासखण्ड का कांजी तालाब , खपरावाड़ी ,   माटीगढ़ , पाट , सांवरिदा , बोड़ , मेड़ाखेड़ा , आमला विकास खण्ड का सरण्डई , सावरियां , चिचारा , बुण्डाला , खैरी गयावानी रैयत , कुण्डारा , टूटामा , भालदेही ,भैसदेही विकास खण्ड का कसई , जामूखेड़ा , लोकलदरी , भोण्डयाकुंड , घोगल , बुराहनपुर , आठनेर विकासखण्ड का ताकी , भुसकुंम , माटका का नाम प्रमुख है। कुछ गांवो तक बिजली के तार और कुछ तक खम्बे पहुंचने जा रहे है लेकिन आज भी गांव में मिटट्ी का तेल न मिलने पर लोग खाने का तेल तक जला कर रोशनी की तलाश में है।

पूर्व मंत्री प्रताप सिंह बनेगें जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष
दोनो कांग्रेसी विधायको ने किया समर्थन
बैतूल , (रामकिशोर पंवार): बैतूल जिले की राजनीति में जातिवाद को लेकर चल रही रस्साकसी के बीच अब जातिवाद का झगड़ा अब लगता है सुलझ गया है। जिले के दो इंका विधायको ने कांग्रेस पार्टी मध्यप्रदेश के प्रभारी हरिप्रसाद को अपनी पसंद के जिलाध्यक्ष के रूप में आखिर में प्रताप सिंह उइके का नाम सुझाया है। अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के महासचिव एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्यविजय सिंह के मंत्री मंडल के सदस्य रहे प्रताप सिंह उइके को कमलनाथ खेमे से भी समर्थन मिलने के बाद उनके जिलाध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हो गया है। इस बीच प्रताप सिंह उइके ने जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं पूर्व युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रशांत गर्ग को अपना समर्थन देने की अफवाहो का खंडन किया है। श्री उइके ने दुरभाष पर अपने समर्थको को बताया कि वे कांग्रेस पार्टी के नए जिलाध्यक्ष होगें। पूर्व इंका विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस की हाल ही में घोषित प्रदेश समिति के सदस्य विनोद डागा ने अपनी ओर से प्रशांत गर्ग का नाम प्रस्तावित किया था। जिले के नामचीन अधिवक्ता प्रशांत गर्ग प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक राधाकृष्ण गर्ग के ज्येष्ठ पुत्र है तथा युवक कांग्रेस से वे जिले की राजनीति में सक्रिय है। इधर दो बार विधायक एवं केबिनेट मंत्री रहे प्रताप सिंह उइके बैतूल जिले के गुलाम भारत के बहुचर्चित जंगल सत्याग्रह के नायक रहे स्वर्गीय मोहकम सिंह के पुत्र हैै। प्रताप सिंह भारत सरकार की नौकरी में पदस्थ होने के बाद नौकरी छोड़ कर राजनीति में आए हुए है। हालाकि ऐसी भी चर्चा जोरो पर चल रही है कि प्रताप सिंह एवं प्रशांत गर्ग के बीच समझौता हो गया है तथा प्रताप सिंह उइके आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बैतूल जिले की संसदीय सीट के लिए पार्टी जिलाध्यक्ष पद का दावा छोडऩे को तैयार हो गए है। बरहाल पार्टी का अगला जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा जुलाई के प्रथम सप्ताह में होगी जिसमें प्र नाम के व्यक्ति की ही लाटरी लगना तय है।

सरकारी अस्पतालों में मिलेगी अब केश लेस प्रसव सुविधा
कलैक्टर ने किया योजना का शुभारंभ
बैतूल , (रामकिशोर पंवार): राष्ट्रीय ग्र्रामीण स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत जिले के सभी शासकीय अस्पतालों में केश लेस (नि:शुल्क) प्रसव सुविधा योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने वाली महिला को दवाइयों सहित पोषणआहार व आने जाने की सुविधा नि:शुल्क मुहैया कराई जायेगी। प्रसूताओं को प्रसव उपरांत जननी सुरक्षा योजना अंतर्गत सहायता राशि भी मिलेगी। कलैक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने जिला अस्पताल में विधिवत इस योजना का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने योजना से लाभांवित एक ग्रामीण प्रसूता को जननी सुरक्षा योजना की राशि 1400 रूपये का चेक भी प्रदान किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस. वास्कले ने बताया कि इस नि:शुल्क प्रसव योजनांतर्गत सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने वाली महिला को प्रसव संबंधी सेवायें एवं दवाईयॉ नि:शुल्क प्रदान की जायेगी। साथ ही मॉ एवं नवजात शिशु की सुरक्षा के दृष्टिगत प्रसव के 48 घंटे उपरांत उन्हें घर पहुंचाने के लिये वाहन उपलब्ध कराया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्र की प्रसूताओं को प्रसव उपरांत संबंधित अस्पताल से जननी सुरक्षा योजना के तहत 14 सौ रूपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जायेगी। शहरी महिलाओं के लिये यह राशि एक हजार रूपये होगी। इसके अलावा योजनांतर्गत सामान्य प्रसव वाली महिला को अस्पताल में 30 रूपये प्रतिदिन के मान से तीन दिन तक पोषण आहार दिया जायेगा। जटिल प्रसव वाली महिलाओं को पोषणआहार की सुविधा आवश्यकतानुसार 7 से 10 दिन तक मिलेगी। योजना के शुभारंभ अवसर पर कलैक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने जिला अस्पताल में योजना से लाभांवित बबीता राजेश प्रजापति को 1400 रूपये का चेक प्रदान कर जननी एक्सप्रेस से नि:शुल्क घर भिजवाया।


भवन लोकापर्ण के पूर्व ही टपकने लगा
जैतापुर के पंचायत भवन की त्रासदी
बैतूल , (रामकिशोर पंवार): भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा भेजा जाने वाला पैसा ग्राम के विकास में कितना सार्थक सिद्ध हुआ है यह एक प्रकार से शोध का विषय है। इस काम में मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले की 558 ग्राम पंचायते काफी मददगार सिद्ध हो सकती है। जिले में ग्रामीण विकास मंत्रालय के पैसे से गांवो का इस तरह से विकास हुआ है कि देखने वाला दांतो तले ऊंगलियां दबा लेगा। पंचायती राज में पंचायत के निमार्णाधीन भवनो की छते टपकने लगी है। लोकापर्ण के पहले ही दम तोड़ती दिवारो में आई दरारे एवं टपकती छतो से किसी बड़े हादसे का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। जिला मुख्यालय से मात्र 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बैतूल जनपद की ग्राम पंचायत जैतापुर का नवनिमार्णाधीन पंचायत भवन के यह हाल है कि पूरा भवन मामूली सी बरसात में पूरी तरह भीग चुका है और छत से पानी टपकने लगा है। ऐसे में यदि मुसलाधार भारी बरसात हो गई तो इस भवन का क्या होगा यह तो राम ही जाने ....? लेकिन भवन के निमार्ण कार्य में बरती गई घोर लापरवाही बयां करती है कि ग्राम पंचायत भवन की दिवारो में आई दरार कभी भी किसी हादसे को जन्म दे सकती है। जनपद अध्यक्ष नरेन्द्र वर्मा के गृहग्राम से लगी इस ग्राम पंचायत में नवनिमार्णाधीन भवन का अभी विधिवत लोकापर्ण भी नहीं हो सका है और भवन ढहने की कगार पर है। अब जरूरत है इस बात की कि ऐसे घटिया निमार्ण की कहानी को बयां करते भवन के निमार्ण कार्य की जांच होगी या फिर किसी हादसे का इंतजार करना होगा। जब इस बारे में पंचायत जैतापुर के सचिव सुरेश पटने से बातचीत की तो उसने कहा कि वह अभी किसी गमी में आया है और कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है जबकि ग्राम पंचायत के सरपंच श्री अन्टूलाल उइके ने कहा कि जिसने भवन बनवाया है उससे बात करो मुझे कुछ नहीं मालूम है।



शहर की युवतियां लिव इन रिलेशन में
धोखा खाकर पहुंची गांवो की दहलीज पर
बैतूल , (रामकिशोर पंवार): प्यार में धोखा देना या धोखा खा जाना कोई नई बात नहीं है। अकसर कहा जाता है कि प्यार में सब कुछ जायज है। देश - परदेश के बाद अब भारत के गांवों में इस प्रकार की रीति - नीति चल पड़ है। बैतूल जैसे छोटे से आदिवासी बाहुल्य जिले के एक छोटे से गांव खेड़ी सावलीगढ़ का एक युवक इन्दौर जैसे महानगर की एक युवती को प्यार में धोखा देकर अपने गांव भाग आया। युवती भी उस धोखेबाज प्रेमी को ढुढ़ते उसे गांव तक आ धमकी लेकिन बेचाी तब बेबस हो गई जब उसे पुलिस ने कोई मदद नहीं की और उल्टे प्रेम - प्यार की पाठशाला का पूरा पाठ पढ़ा डाला। अकसर पढ़े - लिखे और अनपढ़ दोनो युवक काम की तलाश गांव छोड़ शहर की ओर भाग जाते है लेकिन नौकरी के चक्कर में छोकरी से चक्कर लगाने के बाद कुछ लोग यूटर्न होकर गांव आकर किसी कोने में छुप जाते है। ऐसी एक प्रेमी कहानी का हाल ही में पटाक्षेप हो गया। इसाई समुदाय की युवती जूली (परिवर्तित नाम) का दो साल से ग्राम खेड़ी सांवलीगढ़ निवासी विजय नामक युवक से पश्चिमी संस्कृति की उपज लिव इन टू गेदर के तहत रिश्ता बना हुआ था। जूली एवं विजय ने तथाकथित लिव इन टू गेदर में साथ दो साल गुजारने के बाद वह उसे धोखा देकर भाग आया है। जूली के अनुसार उसका प्रेमी विजय अब अपने परिवार के कहने पर किसी अन्य युवती से शादी करने जा रहा है। इस बारे में अपने प्रेमी के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने बैतूल आई जूली को तब और ही बड़ा सदमा लग गया जब उसकी फरियाद सुनने के बाद बैतूल जिला अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक एमएल सोलंकी ने अपने दोनो हाथ खड़े करके उसे अपने साथ प्यार में हुई बेवफाई की पूरी कहानी सुनने के बाद कहा कि इसमें पुलिस उसकी कुछ भी मदद नहीं कर सकती। यदि उसे अपना तथाकथित प्रेमी चाहिए तो वह सीधे वकील की सहायता से न्यायालय की शरण ले।  जूली (परिवर्तित नाम) ने बताया कि श्याम नगर इंदौर में गत दो वर्ष से लिव इन टू गेदर के तहत विजय उसके साथ रह रहा है और पति-पत्नी की तरह उनके बीच संबंध थे। युवती ने बताया कि गत 12 जुलाई को विजय शादी करने की बात कहकर उसे बैतूल लेकर आया। जहां बैतूल में उसे मुलताई निवासी जीजा के घर लेकर गया। यहां पर विजय की बहन, जीजा और अन्य चार-पांच लोगों ने उसे डराया-धमकाया और विजय का साथ छोड़ देने के लिए दबाव बनाया और मारपीट भी की। युवती ने शिकायत में बताया कि विजय ने सोने की अंगूठी, चेन, कपड़े, टीवी, पलंग, गैस चूल्हा, सिलेंडर आदि मित्रों के माध्यम से श्याम नगर निवास से उठवा लिया। यह पूरा सामान उसने स्वयं खरीदा था। यहां तक की मित्रों से सामान उठवाने के बाद मकान मालिक से कहकर ताला लगवा दिया और वह इंदौर पहुंची तो सामान गायब था। प्रेमी और भावी पति को पाने की चाहत लेकर बैतूल में न्याय को भटक रही  जूली (परिवर्तित नाम) के अनुसार उसके साथ प्यार और शादी की आड़ में दैहिक एवं मानसिक शोषण किया गया है। पुलिस को इस बारे में उसके प्रेमी के खिलाफ कार्रवाई करनी थी लेकिन पुलिस ने कुछ भी करने से साफ इंकार कर दिया। जूली की कहानी से मिलती - जुलती एक अन्य कहानी भी प्रेम - प्यार- धोखा से जुड़ी हुई है। इस कहानी की नायिका इन्दौर की है जिसे मुलताई के पास स्थित हेटीखापा गांव एक युवक ने धोखा देने के बाद जब शादी की बात आई तो वह नौ दो ग्यारह हो गया। बताया जाता है कि अनामिका (परिवर्तित नाम) नामक युवती इन्दौर की रहने वाली है उसका भी हेटीखापा नामक गांव के युवक से याराना और फिर अफसाना होने के बाद अनजाना हो गया है। अनामिका (परिवर्तित नाम) नामक युवती ने जिले के मुलताई थाने में एक रिर्पोट दर्ज करवाई है। युवती के अनुसार हेटीखापा निवासी एक युवक ने इंदौर की एक युवती को लिव इन टू गेदर में दो साल तक अपने साथ रखा और बाद में शादी की नौबत आई तो भागकर घर आ गया। युवती उसे ढूंढती हुई जब उसके घर पहुंची तो उसके साथ युवक के परिजनो ने मारपीट की और रात भर कैद करके रखा। किसी तरह अपनी जान बचा कर भाग आई युवती ने बाद में युवती ने मुलताई थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है। अभी तक आपने गांव की छोरी को प्रेम और प्यार का झांसा देकर महानगरो के युवको द्वारा धोखा देने की खबरे पढ़ते थे लेकिन अब तो गांव वाले भी शहर वालो से दो कदम आगे निकलने लगे है। सोचने लायक बात यह है कि पश्चिमी संस्कृति से जन्मी लिव इन टू गेदर की बीमारी गांव तक पहुंच गई तो गांव का माहौल तो एक न एक दिन बिगड़ ही जाएगा और तब गांव और शहर में कोई फर्क ही नहीं बच पाएगा।  

नशीले बिस्किट खिलाकर लूटा
बैतूल , (रामकिशोर पंवार): जिला चिकित्सालय में दो दिन से भर्ती युवक को जब होश आया तो पता चला कि अज्ञात व्यक्ति ने उसे नशीले बिस्किट खिलाकर साढ़े छह हजार रूपए लुट लिए। लूटने के बाद उसे बेहोशी की हालत में पुलिस ग्राउंड पर ही छोड़ दिया। पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। आमला थाना क्षेत्र के ग्राम मल्हारा पंखा निवासी राजेश धुर्वे ने बताया कि वह सीहोर में हैंडपंप सुधारने का काम करता है। घटना के दिन वह सुबह छह बजे गांव जाने के लिए कोठी बाजार बस स्टैंड पर उतरा। बस नहीं होने से रेलवे स्टेशन जाने के लिए एक व्यक्ति से रास्ता पूछा। राजेश ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति ने उसे बैतूल में ही डयूटी लगाने की बात कही। बस स्टैंड के पास ही दो-तीन जगह चाय पिलाई। इसके बाद रेलवे स्टेशन छोडऩे की बात कही। पुलिस ग्राउंड के पास ले जाकर बिस्किट खिला दिए, जिससे बेहोश हो गया। साढ़े छह हजार रूपए लूटकर फरार हो गया। पुलिस में मामले की रिर्पोट मिलने के बाद विवेचना शुरू कर दी है।


बैतूल के छापामार एसडीएम
अब आईटीआई पर छापा
बैतूल , (रामकिशोर पंवार): लगता है कि बैतूल एसडीएम को सुर्खियो में रहने की आदत सी पड़ गई है। बैतूल एसडीएम ने अचानक अपने छापमार अभियान को आगे बढ़ाते हुए बीते दिनो आरटीओ कार्यालय और जेएच कॉलेज में छापा मारने के बाद बीते कल अचानक इटारसी रोड स्थित आईटीआई में छापामार कार्रवाई की। यहां से वर्ष 2009 में की लाखों रूपए की खरीदी के रिकार्ड जब्त किए गए हैं। इस कार्रवाई से आईटीआई में हड़कंप मचा गया। इस रिकार्ड की जांच के बाद अनियमितता पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम संजीव श्रीवास्तव ने इटारसी रोड स्थित आईटीआई में खरीदी में अनियमितता की शिकायत पर छापामार कार्रवाई की। जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता ने आईटीआई में सेन्ट्रल स्कीम के तहत मिले 34 लाख रूपए से खरीदी में भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं करने की शिकायत की थी। इसके बाद यह कार्रवाई की गई। एसडीएम ने आईटीआई में खरीदी को लेकर अधिकारियो और कर्मचारियों से एक घंटे पूछताछ की। आईटीआई की लिपिक नहीं होने से खरीदी से संबंधित सभी रिकार्ड जब्त कर लिए हैं। एसडीएम श्रीवास्तव ने बताया कि शिकायत पर कार्रवाई की गई है। रिकार्ड की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई के दौरान जिला पंचायत के एपीओ शरद जैन भी उपस्थित रहे।
एक ही परिवार के आठ लोगों को उम्रकैद
 मुलताई बैतूल ,(रामकिशोर पंवार): मुलताई के अपर सत्र न्यायाधीश एससी उपाध्याय ने हत्या के एक प्रकरण मे एक ही परिवार के आठ लोगो को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इनमें पांच महिलाएं भी शामिल हैं। अभियुक्तों को एक-एक हजार रूपए के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। एपीपी मोहनसिंह वर्मा ने बताया कि गन्नू (35) पिता लीला बिंझाडे निवासी उमनबेहरा अपनी पत्नी के साथ ग्राम उमनबेहरा में खेत में बने मकान में रहता था। इसी मकान के पीछे उसके बडे पिता के लड़के रामदास, सुदामा परिवार सहित रहते थे। इनके बीच खेती बाड़ी विवाद चल रहा था। चार मई 2010 को रात नौ बजे गन्नू घर पर था।उसी समय उसके भतीजे आरोपी रामदास पिता शंकर बिंझाडे, रामा पिता शंकर बिंझाड़े निवासी उमनबेहरा एवं उनका दामाद श्याम पिता रामदास असवादे निवासी बेहड़ीढाना घोड़ाडोगरी सहित किसनी बाई उर्फ मुन्नी पति रामदास, जैना बाई पति रामदयाल, नान्ही बाई पति शंकर, कमलती बाई पति बुद्दू, राधिका बाई पति श्याम आए और गन्नू को लकड़ी पत्थरों से मारपीट करने लगे। इससे गन्नू गंभीर रूप से घायल हो गया और घर के सामने ही गिर गया। इसके बाद सभी आरोपी रामदास के घर के सामने उसे खींचकर ले गए। बाद में चोटों के कारण गन्नू की मौत हो गई। मृतक गन्नू की पत्नी धन्ती बाई ने थाना सांईखेड़ा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस पर थाना पुलिस सांईखेड़ा ने सभी आठो आरोपियों के खिलाफ  विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय मे आरोप पत्र प्रस्तुत किया। अपर सत्र न्यायाधीश उपाध्याय ने सुनवाई के दौरान चश्मदीद गवाह धंती बाई, रमेश, लीला एवं सरवन के बयान लिए। सुनवाई के बाद सभी आरोपियों को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास एवं एक-एक हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई।

दहेज प्रताडऩा की शिकार हुई विवाहिता
सारणी बैतूल , (रामकिशोर पंवार): वेस्टर्न कोल फिल्ड पाथाखेड़ा के उप नगर शोभापुर निवासी गायत्री की शिकायत पर पाथाखेड़ा पुलिस ससुराल पक्ष के लोगों पर दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि गायत्री का विवाह 2007 में गोपाल नटेरिया के साथ हुआ था। विवाह के बाद से उसकी ससुराल पक्ष के लोग गायत्री से दहेज की मांग कर उसे प्रताडित किया करते थे। गायत्री ने पाथाखेड़ा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उसका पति गोपाल पिता बालसिंग, शैवंती बाई, ननद दुर्गा, सोमती और कल्पना दो लाख रूपए दहेज लाने का कहकर उसे प्रताडित किया करते थे। रूपए नहीं लाने पर गायत्री के साथ मारपीट की जाती थी। पाथाखेड़ा पुलिस ने गायत्री की शिकायत पर गोपाल पिता बालसिंग, शैवंती बाई, दुर्गा, सोमती और कल्पना के खिलाफ  दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज किया है।

सरकारी खातों में उलझी स्कूली यूनिफार्म
बैतूल , (रामकिशोर पंवार): इस बार स्कूली बच्चों को गणवेश के लिए मिलने वाली राशि बच्चों व पालकों को महंगी पड़ती नजर आ रही है। स्कूली बच्चों की यूनिफार्म में होने वाली गोलमाल को देखते हुए सरकार ने सीधे बच्चों को ही पैसा देने का निर्णय लिया है। इस निर्णय में एकाउंटपेयी चेक का एक नया आसमानी सकंट आ गया है कि बच्चों के अभिभावक से लेकर शिक्षा मिशन और बैंक तक हैरान-परेशान हैं। सरकारी बैंक खातों का यह खेल सबको सिरदर्द नजर आ रहा है। प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में इस वर्ष छात्राओं के साथ-साथ छात्रों को भी गणवेश दी जा रही है और इसके लिए इस वर्ष 400 रूपए छात्र-छात्राओं को दिए जा रहे हैं। यह 400 रूपए सीधे छात्रों के खाते में एकाउंट पेयी चेक के माध्यम से डाले जाएंगे। 400 रूपए का यह चेक भुनाने के लिए छात्रों को 500 रूपए खर्च कर खाता खुलवाना पड़ेगा, क्योंकि सरकार से इस तरह का कोई आदेश नहीं आया कि जीरो बैलेंस पर छात्रों के खाते खोले जाएं। एकाउंटपेयी इस चेक के चक्कर में बैंकों को भी कम परेशानी नहीं हैं। हाल ही में बैंकों को पाला राहत के हजारों चेकों के कारण अच्छा खासा हैरान-परेशान होना पड़ा था और अब स्कूल ड्रेस के इन खातों के कारण उन पर वर्कलोड बढ़ जाएगा। तकरीबन एक लाख से अधिक नए खाते इन बैंकों को खोलना पड़ेगा। इस तरह के खाते जिनसे बैंकों को कोई लाभ नहीं होता लेकिन इन खातों की वजह से उनके कमर्शियल ग्राहकों की सेवाओं पर भी फर्क पड़ता है। जितने की देवी नहीं उससे अधिक की पूजा वाली कहावत को चरितार्थ करती इस रोचक सरकारी लापरवाही की कहानी ने इस पूरे सिस्टम में पारदर्शिता लाने के बदले आफत का सैलाब ला दिया है। एकाउंटपेयी चेक होने से जो व्यवहारिक दिक्कतें सामने आ रही हैं, उसमें इन बच्चों के अभिभावक उलझते हुए नजर आ रहे हैं। जिस बैंक में स्कूल प्रबंध समिति का खाता है यदि उसी में खाता खुलवाते हैं तो ठीक है नहीं तो दूसरी बैंक में खुलवाने पर क्लीयरेंस का चार्ज लग जाएगा। कई घ्सी माध्यमिक और प्राथमिक शालाएं हैं जहां से पचास किमी दूर तक बैंक नहीं हैं। घ्से में छात्रों और अभिभावकों को 400 रूपए के लिए यह तकलीफ भी उठानी पड़ेगी। इधर डीपीसी सर्व शिक्षा अभियान श्रीमति भानुमति बेलवंशी का कहना है कि इन तमाम व्यवहारिक कठिनाइयों को हम भी समझ रहे हैं और अपने उच्च अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं जिससे इन समस्याओं का निदान हो सके और बच्चों को आसानी से गणवेश मिल सके। जानकार सूत्रो का कहना है कि माध्यमिक शाला पचामा के छात्रों को चेक के लिए खाता खुलवाने और बाद में पैसे निकालने के लिए या तो पाढर जाना पड़ेगा या बैतूल आकर खाता खुलवाने आना पड़ेगा। यह दूरी कम से कम 15 से 20 किमी है। अब स्कूल की गणवेश के चक्कर में घनचक्कर बनी छात्राए अपने शिवराज मामा को ही कोसने से नही चूक रही है।

खजाना कांड के आरोपियो के स्कैच जारी
बैतूल , (रामकिशोर पंवार) ट्रेजरी से सवा चार करोड़ 27 लाख रुपए के स्टांप और 11 लाख रुपए नकद चोरी की घटना के एक सप्ताह बाद पुलिस ने संदिग्ध दो आरोपियों का स्कैच तैयार कर लिया। यह स्केच अब प्रदेश के सभी पुलिस थानों और सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किया जाएगा। संदिग्ध आरोपी की उम्र लगभग 45 साल है, जिसका रंग गेहुंआ और ऊंचाई लगभग 6 फीट है। पुलिस ने आरोपी की पहचान के लिए चार दिन में स्कैच तैयार कराया। पहला स्कैच सोमवार को बनाया गया जिसे ऑटो चालक और लोहार की पत्नी ने नकार दिया। ऑटो चालक आरोपी को लोहार के घर तक ले गया था। आरोपी ने सब्बल नुकीली करने के लिए लोहार की पत्नी को राड दी थी। स्कैच तैयार करने में ट्रेजरी में तैनात पुलिस कर्मियों के अलावा अन्य लोगों की मदद भी ली गई है।
मनरेगा में मजदूरी आसान हुई टास्क में कमी की गई
बैतूल , (रामकिशोर पंवार): महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांर्गत प्रचलित टास्क दरों का युक्तियुक्तकरण किया गया है। नई दरों के हिसाब से अब टास्क में कार्यानुसार 16 से 46 प्रतिशत तक की कमी की गई है। जबकि मजदूरी का भुगतान यथावत रहेगा। मजदूर को अब खोदी गई मिट्टी 50 मीटर दूर भी नहीं फेंकना होगी। यह सीमा 20 मीटर की गई है। 20 मीटर से अधिक मिट्टी फेंकने के लिये पृथक से भुगतान किया जायेगा। गौरतलब है कि मनरेगा में एक दिन के निर्धारित टास्क पर 122 रूपये रोजाना के हिसाब से मजदूरी का भुगतान किया जाता है। मुख्य अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा तथा मुख्य अभियंता मनरेगा द्वारा युक्तियुक्तिकरण की गई टास्क दर के अनुसार तालाब या सड़क निर्माण में मुलायम मिट्टी की खुदाई के टास्क में 16 फीसदी की कमी की गई है। तालाब या सड़क निर्माण में मजदूरों को 2.91 घन मीटर की बजाय अब 2.43 घन मीटर मिट्टी खोदना होगी। इसी तरह तालाब या सड़क निर्माण में मुलायम चट्टान में बिना विस्फोट खुदाई के काम में 46 फीसदी की कमी हुयी है। इस काम में पहले मजदूरों को जहां 0.83 घन मीटर मिट्टी खोदना पड़ती थी अब 0.45 घन मीटर मिट्टी खोदना पड़ेगी। इसके अतिरिक्त कठोर चट्टान में विस्फोट सहित खुदाई के काम में 35 फीसदी की कमी, कठोर मुरम तथा कठोर मिट्टी की खुदाई में 20 फीसदी की कमी की गई है। अब मजदूरों को कठोर चट्टान में विस्फोट सहित खुदाई 0.77 घनमीटर की बजाय 0.50 घन मीटर, कठोर मुरम में खुदाई 1.69 घन मीटर की बजाय 1.35 घन मीटर, कठोर मिट्टी में खुदाई 2.25 घन मीटर की बजाय 1.80 घन मीटर मिट्टी खोदना होगी। कुंआ निर्माण में विभिन्न तरह की मिट्टी खुदाई के काम में भी 16 से 38 फीसदी तक की कमी की गयी है। पांच मजदूरों के समूह द्वारा कठोर चट्टान में विस्फोट सहित खुदाई का टास्क 38 फीसदी कम किया गया है। इस काम के लिए पहले मजदूरों को 2.8 घन मीटर की खुदाई करना पड़ती थी अब 1.75 घन मीटर खुदाई करना होगी। मुलायम चट्टान में बिना विस्फोट खुदाई का काम भी 35 फीसदी कम करना होगा। पहले इसे 3.45 घन मीटर खोदना पड़ता था जबकि अब 2.25 घन मीटर खोदना पड़ेगा। इसके अलावा अब मजदूरों को कठोर मुरम खुदाई 34 फीसदी, कठोर मिट्टी खुदाई 25 फीसदी तथा मुलायम मिट्टी खुदाई 16 फीसदी कम करना होगी। कठोर मुरम की खुदाई पहले मजदूरों को 8.45 घन मीटर करना पड़ती थी वहीं अब 5.60 घन मीटर करना पड़ेगी। इसी तरह कठोर मिट्टी खुदाई पहले 8.1 घन मीटर करना पड़ती थी इसके स्थान पर अब 6.1 घन मीटर तथा मुलायम मिट्टी में खुदाई 10.75 घन मीटर के स्थान पर 9 घन मीटर करना होगी। यह दरें एक जुलाई 2011 से प्रभावशील की गई है। कार्य का प्रकार टास्क में कमी (प्रतिशत)पहले खुदाई की मात्रा संशोधित टास्क तालाब या सड़क निर्माण में मुलायम चट्टान में बिना विस्फोट खुदाई 46 प्रतिशत  फीसदी तक की कमी की गयी है। 0.83 घन मीटर थी जो अब 0.45 घन मीटर होगी। इसी तरह ग्राम पंचायत स्तर पर तालाब या सड़क निर्माण में कठोर चट्टान में विस्फोट सहित खुदाई में 35 प्रतिशत की कमी की गई है। जो खुदाई 0.77 घन मीटर थी वह अब 0.50 घन मीटर होगी। तालाब या सड़क निर्माण में कठोर मुरम में खुदाई में भी 20 प्रतिशत की कमी आई है। 1.69 घन मीटर थी जो 1.35 घन मीटर होगी। तालाब या सड़क निर्माण में कठोर मिट्टी में खुदाई 20 प्रतिशत 2.25 घन मीटर थी जो 1.8 घन मीटर होगी। तालाब या सड़क निर्माण में मुलायम मिट्टी में खुदाई16 प्रतिशतप्रतिशत की कमी आई है। पहले में 2.91 घन मीटर खुदाई थी वह अब 2.43 घन मीटर होगी। कुंआ निर्माण में पांच मजदूरों के समूह द्वारा कठोर चट्टान में विस्फोट सहित खुदाई में भी 38 प्रतिशत की कमी आई है। पहले 2.80 घन मीटर खुदाई थी जो अब 1.75 घन मीटर होगी। कुंआ निर्माण में पांच मजदूरों के समूह द्वारा मुलायम चट्टान में बिना विस्फोट खुदाई में 35 प्रतिशत की कमी लाई गई है। पूर्व में 3.45 घन मीटर करनी पड़ती थी जो अब 2.25 घन मीटर करनी होगी। कुंआ निर्माण में पांच मजदूरों के समूह द्वारा कठोर मुरम में खुदाई में 34 प्रतिशत की गिरावट के साथ उसकी खुदाई 8.45 घन मीटर थी जो अब 5.60 घन मीटर करनी होगी। कुंआ निर्माण में पांच मजदूरों के समूह द्वारा कठोर मिट्टी में खुदाई में 25 प्रतिशत की आई है। पूर्व में 8.1 घन मीटर थी जो अब 6.1 घन मीटर करनी होगी। कुंआ निर्माण में पांच मजदूरों के समूह द्वारा मुलायम मिट्टी में खुदाई में 16 प्रतिशत की कमी के साथ जो खुदाई 10.75 घन मीटर थी वह अब 9.00 घन मीटर होगी।


दस दिन बाद मनाएगी राज्य सरकार ताप्ती जन्मोत्सव....?
मजाक बना के रख दिया है भाजपा सरकार ने मां सूर्यपुत्री ताप्ती का महत्व
बैतूल,(रामकिशोर पंवार): मध्यप्रदेश में जलाभिषेक कर नदियो के जल संरक्षण का कार्यक्रम चलाने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार को यह तक नहीं मालूम कि पवित्र एवं आस्था नगरी मुलताई में स्थित मां सूर्यपुत्री ताप्ती का जन्म दिन कब है और कब मनाया जाएगा। बीते वर्ष 2010 से राज्य सरकार के लोक संस्कृति विभाग द्वारा ताप्ती जन्मोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। बीते वर्ष अषाढ़ शुक्ल की सप्तमी दिन शनिवार 17 जुलाई 2010 को आई थी लेकिन इस बार वह दस दिन पहले दिन गुरूवार 7 जुलाई 2011 को आ रही है। राज्य सरकार का लोक संस्कृति विभाग हिन्दु पंचाग की जगह अग्रेंजी कलैण्डर की तीथी दिन रविवार 17 जुलाई 2011 को तीन दिवसीय ताप्ती जन्मोउत्सव मनाने जा रहा है। जहां एक ओर कांग्रेसी अध्यक्ष शासित नगर पालिका परिषद मुलताई हिन्दु पंचाग की तीथी अनुसार गुरूवार 7 जुलाई 2011 को अषाढ़ शुक्ल की सप्तमी को ताप्ती जन्मोत्सव का कार्यक्रम आयोजित कर रही है वही दुसरी ओर भगवा रंग में रंगी भाजपा सरकार हिन्दु पंचाग की तीथी को दरकिनार कर जन्मोउत्सव के दस दिन बाद तीन दिवसीय ताप्ती जन्मोत्सव अग्रेंजी कलैण्डर के अनुसार मनाने जा रही है। कहने को तो राज्य का लोक संस्कृति विभाग है लेकिन उसे यह तक नहीं मालूम की धरती पर सबसे पहले आई आदिगंगा कहलाने वाली सूर्य नारायण की पुत्री मां ताप्ती का जन्म दिवस कब है या वह किसी तीथी या पर्व को धरती पर अवतरीत हुई है। राज्य सरकार की नजर में ताप्ती का धार्मिक, पारौणिक , एतिहासिक , भगौलिक महत्व क्या है..? यह तक नहीं मालूम है। भगौलिक दृष्टि से एक नगर और दो सागर वाली कहावत ताप्ती की जन्मस्थली मुलताई पर ही लागू होती है। यहां पर गिरने वाला एक पेड़ का बरसाती पानी दो अलग - अलग जलधारा के रूप में दो अलग - अलग नदियो ताप्ती एवं वर्धा के माध्यम से दो अलग - अलग सागरो में मिलता है। एक ओर ताप्ती का पानी सीधे सूरत के पास अरब सागर की खम्बात की खाड़ी में मिलता है वही दुसरी ओर वर्धा का पानी महानदी में मिल कर बंगाल सागर की बंगाल की खाड़ी में मिलता है। धार्मिक दृष्टि से मुलताई (मुलतापी) में श्रंगऋषि पर्वत के पास मां सूर्यपुत्री ताप्ती का धरती पर अवतरण हुआ है। यह पर्वत की श्रखंला वर्तमान मुलताई के सर्किट हाऊस से शुरू होकर स्टेशन के सामने से जाती है। इस पर्वत के ठीक पीछे में नारद टेकड़ी है जहां पर ताप्ती पुराण चुराने के चलते कोढ़ रोग को त्रासदी झेल चुके नारद जी ने 12 वर्षो तक तप करके वर्तमान ताप्ती सरोवर के पास स्थित नारद कुण्ड में स्नान करके कोढ़ रोग से मुक्ति पाई थी। पुराणो में खासकर स्ंकद पुराण , वराह पुराण , ताप्ती पुराण , सूर्य पुराण , शनि पुराण , तथा महाभारत के आदि पर्व में मां सूर्यपुत्री के धरती पर अवतरण की कथा समाहित है। भगवान सूर्यदेव की दुसरी पत्नि छाया से जन्मी मां ताप्ती ,भार्या , तपती , तापी , तापती , जैसे अनेका नामो से पुकारी जाने वाली ताप्ती को धरती पर सबसे पहले आने के कारण आदिगंगा भी कहा जाता है। इतिहास के पन्नो पर लिखा गया है कि गुरू नानक देव ताप्ती जन्मस्थली मुलताई में रूके थे। यहां पर सबसे प्राचिन गुरूद्वारा भी है जहां पर गुरू नानक देव ने रात्री विश्राम किया था। ऐसी पवित्र पुण्य सलिला मां ताप्ती के जन्मोत्सव के अधकचरे ज्ञान के कारण राज्य सरकार का लोक संस्कृति विभाग यदि दस दिन बाद ताप्ती जन्मोउत्सव मनाता है तो उसकी जग हसाई तो होगी ही साथ ही मां ताप्ती का भी अनादर होगा। मां ताप्ती जागृति मंच बैतूल ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने सूर्यपुत्री मां ताप्ती का धार्मिक , पौराणिक , एतिहासिक ,भगौलिक महत्व को मजाक बना कर रख दिया है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह तत्काल अपनी भूल को सुधार कर अषाढ़ शुक्ल की सप्तमी पर ही ताप्ती जन्मोत्सव का आयोजन करे ऐसा न करने से लोगो की भावनाए आहत होगी। इधर भैसदेही विधान सभा क्षेत्र के इंका विधायक धरमूसिंह सिरसाम ने भी ताप्ती एवं पूर्णा का नाम प्रदेश गान में ना शामिल किए जाने के राज्य सरकार के फैसले पर विधान सभा में ध्यानाकर्षण लाने की बात कहीं है। जन आस्था का केन्द्र बनी बैतूल जिले की दो पवित्र नदियो के मान - सम्मान को लेकर अब लोग सड़को पर उतरने को आमदा है ऐसे में यह देखना बाकी है कि राज्य सरकार क्या कदम उठाती है।



अवसरवाद बना चाटुकारिता का दुसरा नाम
बैतूल जिले की राजनीति में अवसरवाद सब पर भारी पड़ता है। यदि हम कहे कि बैतूल जिले में अवसरवादी लोगो की संख्या दिन - प्रतिदिन बढ़ती जा रही है तो इसमें गलत बात नहीं होगी। जिसको भी अवसर मिलता है वह उसका भरपूर फायदा उठाने से नहीं चुकता है। जिसे नहीं मिलता है वह दुसरे के अवसर को देख कर स्वंय की किस्मत को या तो कोसता है या फिर अवसर को भी न जाने कितने प्रकार के आरोप - प्रत्यारोप लगा कर उसकी जोत उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। बैतूल जिले का स्लोगन काफी सटक है कि सौ में से सौ बेइमान लेकिन न तो मैं महान और न दुसरा महान .... ऐसा क्यों होता है इस विषय पर आज तक किसी को सोचने का मौका ही नहीं मिला। आदिवासी जिला होने के कारण यहां पर शारीरिक , मानसिक , आर्थिक शोषण का अवसर कोई नहीं छोड़ता है। आजकल जिले में चाटुकारिता की जबदस्त महामारी फैली हुई है। हर कोई किसी न किसी की चवन्नी-अठन्नी के लिए चाटुकारिता का अवसर नहीं छोडऩा चाहता है। कर्मचारी से लेकर अधिकारी को कुत्तो की जगह आजकल चाटुकार पालने की अजीबो - गरीब बीमारी लग गई है। सबके सब सूरदास की औलाद बन गए है और आंख होते हुए भी चमचो और चाटुकारो के कहने पर विवेकहीन कार्यो को अंजाम देने में लगे हुए है। धीरे - धीरे अवसरवादी चाटुकारिता छुटभैया नेताओं और जनप्रतिनिधियों को भी लग गई है। ूपरी तरह चरमरा चुकी व्यवस्था को सुधारने का कोई असवर ही नहीं मिल रहा है क्योकि अवसर इतना बुक है कि जितना की शादी के मौके पर घोड़ा बुक होता है। गधे पर बैठ कर दुल्हा जिस प्रकार दुल्हन के घर नहीं जा सकता ठीक उसी प्रकार बिना अवसर के कोई भी व्यवस्था में सुधार आ पाना संभव नहीं है। मैं पिछले कुछ दिनो से अवसर को ढुढ़ रहा हँू लेकिन वह तों गधे के सिंग की तरह या फिर बटामा नहर की तरह लापता हो गया है। वह कभी - कभी मिलने की बाते तो करता है लेकिन आज तक मिल ही नहीं पा रहा है। अवसर न मिलने के कारण ही मेरे भी किसी अधिकारी या कर्मचारी या नेता या जनप्रतिनिधि से सबंध मधुर नहीं बन सके है। कोई मुझे मौका ही नहीं देता कि मैं भी एक नम्बर का स्टील का या पीतल का चमचा बन सकंू। मेरे घर परिवार के लोग आज कल मुझे ताना देने लगे है कि देखो कल तक वह आदमी क्या था आज क्या बन गया..? अब मैं अपने घर परिवार के लोगो को समझा नहीं पा रहा हूं कि कल का भला आदमी आज छक्के से भी बद्तर हो गया है। वह इसलिए कि छक्के लोग तो ताली बजाने और दुआ देने के नाम पर पैसा मांगते है लेकिन इन लोगो ने तो बिना मतलब के ही तालियां बजा कर ऐसा माहौल पैदा कर दिया है कि इनके साथ खड़ा रहने में भी स्वंय को अपने मर्द होने पर शक होने लगता है। एक पुरानी फिल्म का गीत मुझे आज याद आ रहा है जिसमें गायक गाता है कि देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान की कितना बदल गया .....? मुझे कभी - कभी लगता है कि मां - बाप ने मेहनत करके अपने बेटे का मर्द बनाना चाहा लेकिन वह तो नार्मद बन गया। उसकी नामर्दी के पीछे भी वही अवसर जिम्मेदार है जो उसे आज इस मुकाम पर ला छोड़ा है।

नाबालिग बहनें गायब
सारणी बैतूल,(रामकिशोर पंवार): वेस्टर्न कोल फिल्ड लिमीटेड की पाथाखेड़ा कोल माइंस की शोभापुर कालोनी से दो सगी नाबालिग बहनों के गुम हो जाने का मामला प्रकाश में आया है। गुम नाबालिग बहनों के परिजनों ने पाथाखेड़ा चौकी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। शोभापुर के वार्ड क्रमांक-32 में निवास करने वाले कालूराम प्रजापति की 14 वर्षीय पुत्री रोशनी तथा दस वर्षीय देवी प्रजापति बीते शुक्रवार को कपड़े धोने नदी पर गई थीं। दोनों नाबालिग बहनें घर नहीं पहुंचने पर परिजन एवं आसपास के लोगों ने पाथाखेड़ा चौकी पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज कराई है। वैसे भी इस औद्योगिक क्षेत्र से नाबालिग लड़कियों को बहला - फुसलाकर भगा ले जाने तथा उनके तथाकथित दुराचार एवं उनकी देह व्यापार से जुड़े लोगो को बिक्री की कई घटनाओं के बाद दोनो लड़कियों के परिजन काफी हैरान एवं परेशान है। बैतूल जिले की पुलिस कई बार ऐसे गिरोह को पकड़ भी चुकी है तथा इनका नेटवर्क बड़ा होने के कारण पुलिस गिरोह के सरगना की नाक में हमेशा नकेल डालने में असफल सिद्ध रही है।

एक पलंग पर सो रहे दो छात्र
एससी और एसटी के छात्रों का एक ही जगह छात्रावास
बैतूल,(रामकिशोर पंवार): शासकीय कामकाज की भर्राशाही का नमुना बना है बैतूल जिला मुख्सालय स्थित गुरूद्वारा रोड गंज पोस्ट मैट्रिक छात्रावास  जहां के छात्रों की समस्याएं कम होती नजर नहीं आ रही हैं। एक ही भवन में दो छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है, जिससे छात्रों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि एक पलंग पर दो छात्र सो रहे हैं। एससी छात्रों के लिए बनाए गए छात्रावास भवन में क्रीड़ा परिसर संचालित किया जा रहा है। पोस्ट मैट्रिक छात्रावास के छात्रों ने बताया कि आदिवासी छात्रावास के भवन में ही एससी छात्रों को भी रखा गया है। एक ही भवन में एससी और एसटी के छात्रों के लिए छात्रावास संचालित किया जा रहा है। जिससे छात्रों को परेशान होना पड़ रहा है। जगह की कमी से एक पलंग पर ही दो छात्र सो रहे हैं। भवन की मरम्मत का कार्य पूरा नहीं होने से बारिश में परेशानी और बढ़ गई है। कमरों का भी अभाव बना हुआ है। पोस्ट मैट्रिक छात्रावास के छात्रों ने एससी के छात्रों को उनके भवन में शिफ्ट करने की मांग कलेक्टर से की है। पोस्ट मैट्रिक के छात्रों ने बताया कि एससी के छात्रों के लिए इटारसी रोड पर वर्षों पहले भवन का निर्माण किया गया है। इसमें क्रीड़ा परिसर संचालित किया जा रहा है वहाँ पर छात्रों को रखा गया है। जबकि छात्रों के लिए खंजनपुर में क्रीड़ा परिसर बनकर भी तैयार हो गया है। छात्राओं को यहां पर नहीं पहुंचाया गया है। लंबे समय से छात्रों को खंजनपुर स्थित क्रीड़ा परिसर के नए भवन में और एसी के छात्रों को यहां पर पहुंचाने की मांग की जा रही है। लेकिन इस ओर अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

अब बैंकों को किया अलर्ट
बैतूल,(रामकिशोर पंवार): बैतूल जिले के बहुचर्चित सरकारी खजाना ट्रेजरी से लूटे गए साढ़े चार करोड़ के स्टाम्पों को निरस्त कर दिए जाने के बाद भी इनके दुरूपयोग की आशंका को देखते हुए ट्रेजरी ने प्रदेश की समस्त राष्ट्रीयकृत बैंकों को अलर्ट कर दिया है। ताकि निरस्त कर दिए गए इन स्टाम्पों को किसी भी बैंक में स्वीकार नहीं किया जाए। इसके लिए बैतूल कलैक्टर बी चन्द्रशेखर के माध्यम से सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों को एक पत्र भी भेजा जाने वाला है। टे्रजरी से जुड़े अधिकारियों की मानें तो खजाने से लूटे गए साढ़े चार करोड़ रूपए के स्टाम्प खारिज कर दिए जाने से महज सादे कागज बनकर रह गए हैं और इनका कोई मूल्य भी नहीं रह गया है। लेकिन फिर भी बदमाशों द्वारा इन स्टाम्पों का दुरूपयोग किया जा सकता है। इसी आशंका को देखते हुए सभी बैंकों को यह अलर्ट किया जा रहा है कि वे स्टाम्पों के मामले में काफी सावधानी बरतें, ताकि लूटे गए स्टाम्पों को चलने से रोका जा सके। इसके लिए ट्रेजरी द्वारा स्टाम्पों के सीरियल नंबर भी बैंकों को मुहिया कराए जा रहे हैं। वैसे यह भी आशंका जताई जा रही है कि बैंकों में वित्तीय लेनदेन सहित अन्य कामकाज इतना ज्यादा होता है कि ऐसे समय में बारिकी से स्टाम्पों का अध्ययन कर पाना मुश्किल होता है। इन हालातों में यदि कोई निरस्त स्टाम्पों को ओरिजनल स्टाम्प के बीच रखकर चला देता है तो इससे सही स्टाम्प का पता लगा पाना मुश्किल हो जाएगा।


मां तो ऐसी नहीं होती...
बैतूल,(रामकिशोर पंवार): हमारे देश में मां को स्वर्ग का दर्जा दिया गया है। मां के पैरो के नीचे जन्नत मानने वाले देश में एक ऐसी कलयुगी मां भी निकली जिसने अपनी ममता का अपने दूर करके अपनी कोख को ही लजाने का काम किया है। बीते शुक्रवार दोपहर अपने कलेजे के टुकड़े को जिला चिकित्सालय परिसर में लावारिस हालत में छोड़ दिया। ग्रामीणों की नजर इस पर पड़ी तो उन्होंने इसकी सूचना अस्पताल में दी। नवजात बालिका को आईसीयू वार्ड में रखा गया है। जिला मुख्य चिकित्सालय के कर्मचारी इस मासूम बालिका की देखभाल कर रहे हैं। ग्राम सेहरा निवासी नेहरूलाल सूर्यवंशी और रामाधार घिडोडे को चिकित्सालय आते समय परिसर में नवजात के रोने की आवाज आई। दोनों साहस करते हुए उसके पास पहुंच गए। उन्होंने इसकी सूचना चिकित्सालय में दी। जिला चिकित्सालय के डॉ आर पद्माकर सहित अन्य कर्मचारी नवजात बालिका को लेने पहुंच गए। बालिका को आईसीयू वार्ड में लगाया गया। बालिका के आते ही वार्ड की नर्से और महिला कर्मचारी काफी उत्साहित नजर आई। कर्मचारियों ने उसकी तत्काल सफाई कर वार्ड मे भर्ती कराया। डॉ पद्माकर ने बताया कि बच्ची स्वस्थ और उसका जन्म कुछ देर पहले ही हुआ है। शिशु रोग विशेषज्ञों को इसकी सूचना दे दी है। अब जिला मुख्य चिकित्सालय के कर्मचारी उत्साह से मासूम बालिका की देखभाल कर रहे हैं। अस्पताल चौकी प्रभारी सुरेन्द्र वर्मा ने बताया कि अज्ञात महिला ने नवजात बालिका को चिकित्सालय परिसर में छोड़ दिया है। बच्ची को वार्ड में भर्ती किया गया है। उसकी मां की तलाश की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

आरामशीन पर वन विभाग का छापा
आमला बैतूल,(रामकिशोर पंवार): सागौन की हेराफेरी की आशंका को देखते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने शनिवार उपनगरी बोडख़ी में एक आरामशीन में छापामार कार्रवाई की। सागौन को चिन्हित करके रख दिया है, इसकी जांच की जाएगी। जांच के बाद अवैध सागौन होने पर कार्रवाई की जाएगी। जिस आरामशीन पर कार्रवाई की गई है इसे एक कांग्रेस नेता की होना बताया जा रहा है। वन विभाग के एसडीओ टीएस सूलिया, एके मिश्रा और रेंजर विनोद वर्मा के नेतृत्व में दोपहर में वनकर्मियों ने बोडख़ी में शंकर सॉ मिल पर छापामार कार्रवाई की। सागौन में हेराफेरी सामने आने पर संचालक पर कार्रवाई होगी। बताया जा रहा कि जिस आरामशीन पर छापामार कार्रवाई की गई यह प्रदेश कांग्रेस के सदस्य जगदीश कोकोटे की है। उल्लेखनीय है बंकर कांड के बाद वन महकमा एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहा है। जिले की आरामशीन और फर्नीचर मार्ट की जांच की जा रही है।


अमेरिकी नागरिक को लाभ पहुंचाने के लिए फोर लेन का मार्ग बदला
बैतूल,(रामकिशोर पंवार): भोपाल - नागपुर के बीच नेशनल हाइवे 69 पर बनने वाले फोरलेन का काम बहुंत पहले शुरू हो जाता लेकिन एक अमेरिकी नागरिक को लाभ पहुंचाने के लिए उसकी मां की याद में बने मंदिर के बगल से फोर लेन का नया मार्ग प्रस्तावति किया गया लेकिन अभी उसका काम शुरू भी नहीं हुआ कि नियमों के पेंच लगना शुरू हो गए हैं। हाल ही में प्रशासन द्वारा जिस तरह से राजस्व एवं वनभूमि में अनापत्ति प्रमाण-पत्र के मामले में एनएचएआई को निस्तार अधिकारों के विस्थापन को लेकर जवाब दिया गया है उससे लगता है कि नियमों में यह पेंच फोरलेन में आने वाले दिनों में नए-नए विवादों को जन्म देगा। बैतूल जिले में अभी जो फोरलेन बनना है उसमें शुरूआत बैतूल से मुलताई मार्ग निर्माण से हो रही है। इस क्षेत्र में करीब 27 हेक्टेयर सरकारी जमीन को लेकर पहला पेंच लगा है। जानकार सूत्रो ने बताया कि छिदंवाड़ा जिले की पार्ढुना स्थित फोर लेन इकाई के परियोजना निर्देशक यूएम शंभरकर ने दस जून को कलैक्टर बी चन्द्रशेखर को एक पत्र लिखकर राजमार्ग चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण कार्य की प्रगति पर होने की जानकारी देते हुए उक्त भूमि अधिग्रहण में 4.7 हेक्टेयर वनभूमि और 22.719 हेक्टेयर राजस्व भूमि शामिल होने की जानकारी दी। राजमार्ग प्राधिकरण ने प्रभावित वनभूमि एवं राजस्व भूमि के प्रत्यावर्तन प्रस्ताव तैयार करने के लिए संयुक्त सर्वेक्षण का सीसीएफ बैतूल ने चार जून को अनुमति दिए जाने की जानकारी दी है। उक्त क्षेत्र में वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत अधिकारों के विनिक्षयन की कार्रवाई पूर्ण करने के संदर्भ में कलैक्टर का प्रमाण-पत्र और राजस्व भूमि के संबंध में अनापत्ति प्रमाण-पत्र मांगा है। उक्त दोनों प्रमाण-पत्र अलग-अलग जारी करने के लिए अनुरोध किया गया है। वैसे अभी तक दोनों ही प्रमाण-पत्र जारी नहीं हुए हैं। फोरलेन निर्माण में बायपास में प्रभावित हो रहे कृषि विज्ञान केंद्र बैतूलबाजार के लिए एक नई उम्मीद प्रशासन के जवाब से सामने आती है। चूंकि कृषि विज्ञान केंद्र भी सरकारी होने के बावजूद सामुदायिक उपयोग का क्षेत्र है और इससे जिले भर के कृषक प्रभावित होते हैं। पहले फोर लेन का मार्ग बैतूल बाजार के बाहर से था तथा उससे गैर सरकारी भूमि कम ही अधिग्रहित होने वाली थी। पूर्व के फोर लेन मार्ग से बैतूला बाजार का कृषि विज्ञान केन्द्र सहित कई किसानो की उपजाऊ भूमि भी सुरक्षित थी लेकिन केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ के साथ एक अमेरिकी नागरिक की कथित सौदेबाजी ने पूरे मामले को नया रूप दे दिया और फोर लेन अमेरिकी नागरिक के द्वारा अपनी मां की स्मृति में बनवाए गए मंदिर के बगल से निकाला गया। मंदिर के एक ओर वर्ततान नेशनल हाइवे 69 होगा तथा दुसरी ओर प्रस्तावित फोर लेने होगा। ऐसी स्थिति में जिले के किसानो की करोड़ो रूपयों की जमीन प्रभावित हो गई है। अब चूंकि कलैक्टर की पहल यदि रंग लाती है तो हो सकता है कि बायपास को लेकर नए सिरे से विचार किया जा सकता है। यदि प्रशासन के जवाब के अनुसार जिले के जनप्रतिनिधि और आम जनता प्रयास करे तो निश्चित रूप से केवीके के लिए नए विकल्प खुल सकते हैं। और जो पूरा हार्टिकल्चर प्लान बायपास की वजह से बर्बाद होने की कगार पर है, उसे बचाया जा सकता है। अनापत्ति प्रमाण-पत्र को लेकर जिला प्रशासन ने जो नोट जारी की है, उसमें साफ शब्दों में कहा गया है कि उक्त भूमि पर सामुदायिक निस्तार अधिकारों के विस्थापन को प्रक्रिया के अनुसार नियत करने के लिए कहा गया है। इसके उपरांत ही अनापत्ति प्रमाण-पत्र दिए जाने की बात कही गई है। सामुदायिक निस्तार अधिकार उक्त क्षेत्र के निस्तार अधिकार पत्रक में दर्ज है। चूंकि फोरलेन निर्माण में प्राधिकरण ने भूमि अधिग्रहण के मामले में निस्तार अधिकारों को लेकर अभी तक कोई भी ठोस प्रक्रिया संपन्न नहीं करवाई है। इसलिए यह पेच फोरलेन निर्माण में तकलीफ दे सकता है। अभी तो शुरूआत है लेकिन जिस तरह से फोरलेन निर्माण में भूमि अधिग्रहण को लेकर स्थितियां निर्मित हो रही हैं उसमें और भी कई तरह के नियमों के पेंच सामने आ सकते हैं। जिनको लेकर जिला प्रशासन कोई गंभीरता से विचार कर रहा है और न ही राजमार्ग प्राधिकरण। विशेषज्ञों के अनुसार जो पेच प्रमुखता से सामने आएंगे उसमें राष्ट्रीय पुनर्वास नीति 2007 का पालन, म.प्र आदर्श पुनर्वास नीति 2002 का पालन, म.प्र सरकार का संकल्प जिसमें भूमि अधिग्रहण पर पांच लाख का मुआवजा प्रमुखता से शामिल हैं। 27 हेक्टेयर वन एवं राजस्व भूमि के अधिग्रहण को लेकर जनसुनवाई और ग्राम सभाओं के आयोजन की प्रक्रिया संपन्न कराई जा रही है। प्राधिकरण को नियमों के परिपालन को लेकर सचेत कर दिया गया है। भूमि अधिग्रहण के मामले में जो वर्तमान स्थितियां चल रही हैं, उसमें प्रशासन को जरा सी भी चूक आने वाले समय में परेशानी में डाल सकती है और फोरलेन जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना बिना कारण विवादों में आ सकती है। यदि जनप्रतिनिधियों ने दमदारी दिखाई और नियमों के अनुसार भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया संपन्न कराने में रूचि दिखाई तो यह फोरलेन प्रभावित लोगों के लिए फायदे का सौदा साबित होगा। अन्यथा जो स्थितियां है उसमें तो नुकसान नजर आता है।



पुस्तक विके्रत्रा के घर चोरी हुई या लूट पुलिस को नहीं पता
गंभीर रूप से घायल को नागपुर को रिफर दुसरे को बैतूल में भर्ती कराया
बैतूल,(रामकिशोर पंवार): भय -भूख न भ्रष्ट्राचार , हम देगें अच्छी सरकार के नारे का अलख जगा कर सत्ता पर बैठी प्रदेश की भाजपा सरकार के राज में अब चोर - लूटेरे - डाकू और अन्य लोग सरकारी खजाने को लूटने के बाद आम आदमी को भी नहीं छोड़ रहे है। बैतूल जिला मुख्यालय पर लिंक रोड़ स्थित खण्डेलवाल बुक डिपो के संचालक राजेन्द्र खण्डेलवाल के घर पर कुछ अज्ञाल लूटेरो ने धावा बोल दिया। घटना पौने तीन से सवा तीन के बीच की बताई जाती है। लूटेरो को रोकने के प्रयास में राजेन्द्र खण्डेलवाल को लूटेरो ने सिर पर लोहे की राड़ दे मारी जिसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गया। सारंाश खण्डेलवाल को तत्काल उपचार के लिए नागपुर रिफर किया गया। इस हमले में एक महिला के भी घायल होने की खबर है जिसे बैतूल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। लिंक रोड़ निवासी कापी - पुस्तक के थोक व्यापारी राजेन्द्र खण्डेलवाल के घर पर घटित वारदात के बाद पूर्व सासंद हेमंत खण्डेलवाल सहित दर्जनो लोगो ने पहुंच कर घटना के बारे में जानकारी ली। पुलिस ने घटना स्थल पर जानकारी लेकर घटना स्थल का पंचनामा तैयार कर राजेन्द्र खण्डेलवाल की रिर्पोट पर अज्ञात लूटेरो के खिलाफ धारा 458 एवं 380 के तहत मामला दर्ज किया है। इधर बैतूल पुलिस पूरे मामले को लूट या चोरी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है। जिले में लगातार बढ़ते अपराध का बोझ अभी पुलिस उठा भी नहीं पा रही है कि उसकी कमर टूटने लगी है। सरकारी खजाने की लूट का आज तक पुलिस पता नहीं लगा सकी है। मुलताई की लूट अभी तक सुलझी भी नहीं है कि ऐसे में एक और आसमानी आफत ने पुलिस की नाक में दम करके रखा है। पुलिस का यह मानना है कि वह जल्द ही आरोपियों को पकड़ लेगी। भाजपा समर्थक कापी - पुस्तक विकेत्रा के घर पर मध्यरात्री हुई लूट के बाद पुलिस हरकत में आ गई और आनन - फानन में कार्रवाई में जूट गई। बैतूल जिले में बढ़ते अपराधों एवं अपराधियों के बढ़ते हौसले पर जिला कांग्रेस कमेटी बैतूल ने चिंता व्यक्त की है। कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री प्रतापसिंह उइके ने कांग्रेस शासन की तुलना भाजपा के कुशासन से करते हुए कहा कि भय - भूख और भ्रष्ट्राचार समाप्त करने का दम भरने वाली भाजपा का इन वारदातों से ही दम निकलने लगा है। सपा के नेता अनिल सोनी ने जिले में बढ़ते अपराधो पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा शासन में अपराधो का ग्राफ बढ़ा है।


झांसी की रानी कविता से पंक्तिया
हटाने पर भाजपा सरकार को लताड़ा
बैतूल,(रामकिशोर पंवार): स्वर्गीय सुश्री सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखी गई '' झांसी की रानी ÓÓ नामक कविता से अमर शहीद झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की शौर्य गाथा को महिमा मंडित करने वाली एतिहासिक झांसी की लड़ाई  की याद को ताजा करती कविता से सिंधिया राजघराने को धिक्करती पंक्तिया ''अग्रेंजो के मित्र सिंधिया ने छोड़ी रजधानी थी , खुब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी ÓÓ  पंक्तियों को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राज्य के सरकारी स्कूलो की कक्षा छठी की हिन्दी विशिष्ठ की पुस्तक से हटाने के मामले को लेकर अब बैतूल में भी विरोध के स्वर इडने लगे है। आजादी के आन्दोलन में कस्तुरबा गांधी ''बाÓÓ के संग बैतूल आ चुकी में स्वर्गीय सुभ्रदा कुमारी चौहान की भावना एवं विचारो के समर्थको ने सरकार को उसके इस घृणित कृत्य के लिए जमकर लताड़ा है। 1922 में सूर्य पुत्री मां ताप्ती नदी के किनारे बसे धनोरा गांव में राष्टï्रपिता महात्मा गांधी की जीवन संगनी कस्तुरबा गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस का दुसरा प्रांतीय अधिवेशन हुआ था। जिसमें श्रीमति कस्तुरबा गांधी ने मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल , सेठ गोविंद दास जी , जमना लाल बजाज , राष्टï्रकवि माखन लाल चतुर्वेदी , सुभद्रा कुमारी चौहान , पंडित सुन्दरलाल के आतिथ्य में सम्पन्न सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में भी सुभ्रदा कुमारी चौहान ने लोगो में आजादी का जोश भरने के लिए उक्त कविता सुनाई थी। आज उस कविता के साथ छेड़छाड़ को लेकर मां ताप्ती जागृति मंच जिला बैतूल सहित एक दर्जन से अधिक संगठनो ने भाजपा सरकार के फैसले को भाजपाई नेत्रियों को खुश करने की साजिश बताया। भाजपा की नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे सिंधिया एवं यशोधरा राजे सिंधिया के प्रभाव में आई प्रदेश सरकार और स्कूली विभाग द्वारा '' झांसी की रानी ÓÓ कविता के  साथ की गई छेडख़ानी को भगवा अग्रेंजो की ओझी मानसिकता से उपजी हरकत बताया। कांग्र्रेस संगठन के विधि प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय शुक्ला ''पप्पीÓÓ ने भाजपाई नेताओं एवं मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि कांग्रेस शासन काल में स्वर्गीय माधव राजे सिंधिया एवं वर्तमान में श्री ज्योतिदत्य राजे सिंधिया केन्द्रीय मंत्री रहने के बाद भी उन्होने उस सच को स्वीकार किया लेकिन भाजपा उस सच पर कालिख पोत कर अपनी स्वामीभक्ति दोनो भाजपाई नेत्रियों को दिखाना चाह रही है। श्री शुक्ला ने राज्य सरकार को चेताया है कि वह इतिहास के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न करे। इधर कांग्रेस के अल्प संख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे हारून भाई ने भी सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग को आड़े हाथो लेते हुए सरकार की निंदा की है। कांग्रेस के अनेक नेताओं एवं पार्टी पदाधिकारियों ने भी स्कूल शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई की निंदा की है। मां ताप्ती जागृति मंच ने सरकार यदि पुन: उक्त पाठ्यक्रम में पूरी कविता को शामिल न करती है तो वह पूरे मामले को न्यायालय के संज्ञान में लाने के लिए कानूनी कार्रवाई करेगी। मंच के अधिवक्ता एवं कांग्रेस नेता सुखराम पण्डागरे ने राज्य सरकार को पूरे प्रकरण में आड़े हाथो लेते हुए जमकर खरी - खोटी सुनाई है।   




दस दिन बाद मनाएगी राज्य सरकार ताप्ती जन्मोउत्सव....?
मजाक बना के रख दिया है भाजपा सरकार ने मां सूर्यपुत्री ताप्ती का महत्व
बैतूल,(रामकिशोर पंवार): मध्यप्रदेश में जलाभिषेक कर नदियो के जल संरक्षण का कार्यक्रम चलाने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार को यह तक नहीं मालूम कि पवित्र एवं आस्था नगरी मुलताई में स्थित मां सूर्यपुत्री ताप्ती का जन्म दिन कब है और कब मनाया जाएगा। बीते वर्ष 2010 से राज्य सरकार के लोक संस्कृति विभाग द्वारा ताप्ती जन्मोउत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। बीते वर्ष अषाढ़ शुक्ल की सप्तमी दिन शनिवार 17 जुलाई 2010 को आई थी लेकिन इस बार वह दस दिन पहले दिन गुरूवार 7 जुलाई 2011 को आ रही है। राज्य सरकार का लोक संस्कृति विभाग हिन्दु पंचाग की जगह अग्रेंजी कलैण्डर की तीथी दिन रविवार 17 जुलाई 2011 को तीन दिवसीय ताप्ती जन्मोउत्सव मनाने जा रहा है। जहां एक ओर कांग्रेसी अध्यक्ष शासित नगर पालिका परिषद मुलताई हिन्दु पंचाग की तीथी अनुसार गुरूवार 7 जुलाई 2011 को अषाढ़ शुक्ल की सप्तमी को ताप्ती जन्मोउत्सव का कार्यक्रम आयोजित कर रही है वही दुसरी ओर भगवा रंग में रंगी भाजपा सरकार हिन्दु पंचाग की तीथी को दरकिनार कर जन्मोउत्सव के दस दिन बाद तीन दिवसीय ताप्ती जन्मोउत्सव अग्रेंजी कलैण्डर के अनुसार मनाने जा रही है। कहने को तो राज्य का लोक संस्कृति विभाग है लेकिन उसे यह तक नहीं मालूम की धरती पर सबसे पहले आई आदिगंगा कहलाने वाली सूर्य नारायण की पुत्री मां ताप्ती का जन्म दिवस कब है या वह किसी तीथी या पर्व को धरती पर अवतरीत हुई है। राज्य सरकार की नजर में ताप्ती का धार्मिक, पारौणिक , एतिहासिक , भगौलिक महत्व क्या है..? यह तक नहीं मालूम है। भगौलिक दृष्टि से एक नगर और दो सागर वाली कहावत ताप्ती की जन्मस्थली मुलताई पर ही लागू होती है। यहां पर गिरने वाला एक पेड़ का बरसाती पानी दो अलग - अलग जलधारा के रूप में दो अलग - अलग नदियो ताप्ती एवं वर्धा के माध्यम से दो अलग - अलग सागरो में मिलता है। एक ओर ताप्ती का पानी सीधे सूरत के पास अरब सागर की खम्बात की खाड़ी में मिलता है वही दुसरी ओर वर्धा का पानी महानदी में मिल कर बंगाल सागर की बंगाल की खाड़ी में मिलता है। धार्मिक दृष्टि से मुलताई (मुलतापी) में श्रंगऋषि पर्वत के पास मां सूर्यपुत्री ताप्ती का धरती पर अवतरण हुआ है। यह पर्वत की श्रखंला वर्तमान मुलताई के सर्किट हाऊस से शुरू होकर स्टेशन के सामने से जाती है। इस पर्वत के ठीक पीछे में नारद टेकड़ी है जहां पर ताप्ती पुराण चुराने के चलते कोढ़ रोग को त्रासदी झेल चुके नारद जी ने 12 वर्षो तक तप करके वर्तमान ताप्ती सरोवर के पास स्थित नारद कुण्ड में स्नान करके कोढ़ रोग से मुक्ति पाई थी। पुराणो में खासकर स्ंकद पुराण , वराह पुराण , ताप्ती पुराण , सूर्य पुराण , शनि पुराण , तथा महाभारत के आदि पर्व में मां सूर्यपुत्री के धरती पर अवतरण की कथा समाहित है। भगवान सूर्यदेव की दुसरी पत्नि छाया से जन्मी मां ताप्ती ,भार्या , तपती , तापी , तापती , जैसे अनेका नामो से पुकारी जाने वाली ताप्ती को धरती पर सबसे पहले आने के कारण आदिगंगा भी कहा जाता है। इतिहास के पन्नो पर लिखा गया है कि गुरू नानक देव ताप्ती जन्मस्थली मुलताई में रूके थे। यहां पर सबसे प्राचिन गुरूद्वारा भी है जहां पर गुरू नानक देव ने रात्री विश्राम किया था। ऐसी पवित्र पुण्य सलिला मां ताप्ती के जन्मोउत्सव के अधकचरे ज्ञान के कारण राज्य सरकार का लोक संस्कृति विभाग यदि दस दिन बाद ताप्ती जन्मोउत्सव मनाता है तो उसकी जग हसाई तो होगी ही साथ ही मां ताप्ती का भी अनादर होगा। मां ताप्ती जागृति मंच बैतूल ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने सूर्यपुत्री मां ताप्ती का धार्मिक , पौराणिक , एतिहासिक ,भगौलिक महत्व को मजाक बना कर रख दिया है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह तत्काल अपनी भूल को सुधार कर अषाढ़ शुक्ल की सप्तमी पर ही ताप्ती जन्मोउत्सव का आयोजन करे ऐसा न करने से लोगो की भावनाए आहत होगी। इधर भैसदेही विधान सभा क्षेत्र के इंका विधायक धरमूसिंह सिरसाम ने भी ताप्ती एवं पूर्णा का नाम प्रदेश गान में ना शामिल किए जाने के राज्य सरकार के फैसले पर विधान सभा में ध्यानाकर्षण लाने की बात कहीं है। जन आस्था का केन्द्र बनी बैतूल जिले की दो पवित्र नदियो के मान - सम्मान को लेकर अब लोग सड़को पर उतरने को आमदा है ऐसे में यह देखना बाकी है कि राज्य सरकार क्या कदम उठाती है।